logo-image

अपनी नियुक्ति पर उठे सवाल पर CDS बिपिन रावत ने कहा, 'सेना राजनीति से दूर'

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर पूर्व सेना प्रमुख बिपिन पावत ने जिम्मेदारी संभाल ली है. CDS बिपिन रावत ने कहा कि हमारा फोकस तीनों सेनाओं को मिलाकर तीन नहीं बल्कि 5 या 7 करने पर होगा.

Updated on: 01 Jan 2020, 11:26 AM

नई दिल्ली:

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर पूर्व सेना प्रमुख बिपिन पावत ने जिम्मेदारी संभाल ली है. CDS बिपिन रावत ने कहा कि हमारा फोकस तीनों सेनाओं को मिलाकर तीन नहीं बल्कि 5 या 7 करने पर होगा. उन्होंने कहा कि तीनों सेनाएं मिलकर तीन नहीं बनेंगी बल्कि 5 या फिर 7 होंगी. उनकी नियुक्ति पर उठाए गए कांग्रेस के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेना राजनीति से दूर रहती है. हम सरकार के आदेश पर काम करते हैं. हमारा फोकस सेनाओं के संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल, साझा सैन्य अभ्यास पर होगा.

अपने काम को लेकर उन्होंने कहा कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के बीच समन्वय स्थापित करना है. ये तीनों सेनाएं टीम वर्क के तहत काम करेंगी और सीडीएस उस पर नजर रखेंगे. जनरल बिपिन रावत ने गार्ड ऑफ ऑनर लेने के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की.

कांग्रेस ने उठाए थे सवाल

कांग्रेस ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) के तौर पर जनरल बिपिन रावत (bipin rawat) की नियुक्ति को लेकर मंगलवार को कई सवाल खड़े किए. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 'वैचारिक झुकाव' की वजह से ही बिपिन रावत को सरकार ने सीडीएस नियुक्त किया है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और मनीष तिवारी ने बिपिन रावत के पहले सीडीएस नियुक्त करने पर कई सवाल दागे. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'अंत में मिस्टर रावत पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन गए हैं. सरकार ने निश्चित तौर पर उनके सभी प्रदर्शन और वैचारिक झुकाव को ध्यान में रखकर नियुक्ति की है.

भारतीय सेना गैर-राजनीतिक संस्था है, जिसके लिए जाति-धर्म और समुदाय से ऊपर उठकर सभी भारतीयों को गर्व है.' जन चौधरी ने आगे कहा कि बिपिन रावत जी के वैचारिक झुकाव का असर गैर राजनीतिक संस्था सेना पर नहीं पड़ना चाहिए.' उधर, पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी (Manish tiwari) ने कहा, 'बहुत ही अफसोस और पूरी जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि सीडीएस (CDS) के संदर्भ में सरकार ने पहला ही कदम गलत उठाया है. इस निर्णय के दुष्प्रभाव के बारे में समय बताएगा.'