चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्रीय महाशक्ति बनने की भारत की आकांक्षा उधार की ताकत पर निर्भर नहीं रह सकती।
रावत ने कहा, भविष्य के युद्ध जीतने के लिए भारत आयात पर निर्भर नहीं हो सकता।
सीडीएस ने कहा कि बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली, आकाश हथियार प्रणाली, राफेल लड़ाकू विमान, एस-400 मिसाइल प्रणाली और विरासती वायु रक्षा प्रणालियों के प्रगतिशील प्रतिस्थापन के अधिग्रहण के साथ सशस्त्र बलों की वायु रक्षा क्षमताएं आधुनिकीकरण के कगार पर हैं।
उन्होंने दोहराया कि भारत अपने बजटीय आवंटन का बेहतर तरीके से उपयोग करने में सक्षम होगा, यदि वह अपने सिस्टम को स्वदेशी रूप से विकसित करता है।
साइबर युद्ध के बारे में बात करते हुए, रावत ने कहा कि सूचना की व्यापकता और तकनीकी परिवर्तन की गति युद्ध के चरित्र को बदल रही हैं और विशेष रूप से गैर-संपर्क डोमेन में युद्ध के नए रूपों को पूरा करने के लिए अभिनव तरीके प्रदान कर रही हैं।
दो दिन पहले दिल्ली में एक सेमिनार में रावत ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर बात की थी।
उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान में जो कुछ भी हुआ है उसकी उम्मीद की जा रही थी और केवल समय बदल गया था।
रावत ने कहा था कि भारतीय ²ष्टिकोण से, हम अनुमान लगा रहे थे कि तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेगा।
रावत ने कहा, हम इस बात से चिंतित थे कि अफगानिस्तान से आतंकवादी गतिविधियां भारत में कैसे फैल सकती हैं। हमारी आकस्मिक योजना चल रही है और हम इसके लिए तैयार हैं।
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Source : IANS