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कोरोना से निपटने के लिए आर्थिक पैकेज दे केंद्र, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मांग

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में मुख्यमंत्रियों ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना से संबंधित जोन का निर्धारण करने के लिए केंद्र की तरफ से राज्यों के साथ सलाह-मशविरा नहीं किया जा रहा है

Updated on: 06 May 2020, 01:11 PM

दिल्ली:

कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना महामारी के कारण राजस्व के भारी नुकसान का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को प्रदेशों के लिए आर्थिक पैकेज देना चाहिए. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में मुख्यमंत्रियों ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना से संबंधित जोन का निर्धारण करने के लिए केंद्र की तरफ से राज्यों के साथ सलाह-मशविरा नहीं किया जा रहा है.

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इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी शामिल हुए. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अनुसार बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता तब तक राज्य और देश कैसे चलेगा? हमें 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. राज्यों ने प्रधानमंत्री से पैकेज के लिए लगातार आग्रह किया है, लेकिन हमें अब तक भारत सरकार से कुछ नहीं पता चला.’

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे राज्यों को तत्काल सहायता की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां 80 फीसदी छोटे उद्योग फिर से आरंभ हो गए हैं और 85,000 कामगार काम पर लौट चुके हैं.’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठे लोग जमीनी हकीकत जाने बिना कोविड-19 के जोन का वर्गीकरण कर रहे हैं, जो चिंताजनक बात है. पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी कहा, ‘भारत सरकार राज्यों के साथ विचार-विमर्श किए बिना जोन का निर्धारण कर रही है और इससे अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो रही है. किसी मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श क्यों नहीं किया गया?’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के बारे में एक शब्द नहीं बोले हैं। भाषा हक हक नरेश नरेश