चीफ जस्टिस की बात पर सीबीआई निदेशक की रेस से दो नाम हो गए बाहर
अब सीआईएसएफ के चीफ सुबोध कुमार जायसवाल के नाम पर सहमति बनती दिख रही है, जो इन सभी में सबसे सीनियर हैं.
highlights
- सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक
- चीफ जस्टिस रमाना ने बताया छह महीने वाला नियम
- दो नाम हो गए सीबीआई निदेशक की रेस से बाहर
नई दिल्ली:
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के नए निदेशक पर चल रही कवायद के बीच एक ऐसा नियम उद्धत कर दिया है कि इसके आलोक में संभव है कि मोदी सरकार की ओर से प्रस्तावित दो नाम रेस से ही बाहर हो जाएं. गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में सोमवार को सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्त को लेकर बैठक हुई थी इसमें चीफ जस्टिस एनवी रमाना ने सुप्रीम कोर्ट के ही एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को पुलिस चीफ जैसे पदों पर नहीं बिठाना चाहिए, जिनका कार्यकाल 6 महीने से कम का बचा हो. मीटिंग में महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल के डीजी केआर चंद्र और होम मिनिस्ट्री के स्पेशल सेक्रेटरी वीकेएस कौमुदी के नामों पर चर्चा हुई है, लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी.
कांग्रेस ने किया चीफ जस्टिस की बात का समर्थन
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में चीफ जस्टिस एनवी रमाना के अलावा सदन में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हुए थे. सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में चीफ जस्टिस रमाना ने '6 महीने के नियम' की याद दिलाई. रिपोर्ट्स के मुताबिक मीटिंग में यूपी के डीजीपी एचसी अवस्थी का भी नाम शामिल है. सूत्रों का कहना है कि चीफ जस्टिस रमाना ने मीटिंग में कहा कि पैनल को नियम के आधार पर ही किसी नाम पर विचार करना चाहिए. बताते हैं कि चीफ जस्टिस की राय का नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी समर्थन किया. मीटिंग में बीएसएफ के चीफ राकेश अस्थाना का नाम इस नियम के आधार पर खारिज कर दिया गया, जो 31 अगस्त को रिटायर होने वाले हैं.
सुबोध कुमार जायसवाल पर बन सकती है सहमति
इसके अलावा एएनआई प्रमुख वाईसी मोदी भी 31 मई को रिटायर होने वाले हैं. इन दोनों ही नामों को सीबीआई की टॉप पोस्ट की रेस में माना जा रहा था. यानी चीफ जस्टिस की राय में ये दो नाम रेस से बाहर हो गए हैं. ऐसे में सीआईएसएफ के चीफ सुबोध कुमार जायसवाल के नाम पर सहमति बनती दिख रही है, जो इन सभी में सबसे सीनियर हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की मीटिंग 4 महीने के बाद हुई है. नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बैठक के बाद कहा कि सरकार ने नामों के चयन में नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया है.
जानें क्या है सीबीआई निदेशक के सेलेक्शन का नियम
नियम के मुताबिक सीबीआई के निदेशक के पद पर ऐसे किसी अधिकारी के नाम पर विचार किया जाना चाहिए, जिसके पास भ्रष्टाचार के मामलों को निपटाने का अनुभव हो और वरिष्ठता क्रम के मुताबिक भी सीनियर हो. बता दें कि सीबीआई के निदेशक के पद से आरके शुक्ला फरवरी में ही रिटायर हो गए थे, तब से अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा के पास सीबीआई प्रमुख का प्रभार है.
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