भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi)ने रविवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के ऑडिटोरियम की आधारशिला रखी. इसके बाद उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में कुछ लोगों और समूहों का आक्रामक और लापरवाही भरा बर्ताव देखने को मिल रहा है. हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के घटनाक्रम महज अपवाद हैं और देश की विधिक संस्थाओं की मजबूत परंपराओं से परास्त होंगे.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi)ने रविवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के ऑडिटोरियम की आधारशिला रखने के बाद कहा कि सरकारी कार्यालयों या प्रतिष्ठानों के विपरीत, अदालतें इसलिये अद्वितीय हैं क्योंकि न्याय के पहिये को आगे बढ़ाने के लिये प्रतिदिन कई हितधारक जुटते हैं, भले ही वे एक भी आदेश से बाध्य नहीं हों.
उन्होंने कहा कि देश में लगभग 90 लाख सिविल केसों में से 20 लाख से अधिक समन अवस्था में लंबित हैं. 2 करोड़ 10 लाख आपराधिक मामलों में से, 1 करोड़ से अधिक मामले सम्मन चरण में लंबित हैं.
गोगोई ने कहा कि आज, मैं यह कहने के लिए मजबूर हूं कि न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों को इस बात को अवश्य याद रखना चाहिये कि जनता के जिस विश्वास और भरोसे पर हमारी संस्था का अस्तित्व है, वह हमारे आदेशों और फैसलों के आधार पर बना है. सीजेआई ने यह भी कहा कि न्यायिक पदाधिकारी के रूप में चयनित होना इस प्रतिष्ठित संस्था की सेवा करने का एक अवसर है, जिसका मूल्य हमेशा कल्पना से काफी अधिक है.