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प्रधान न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने अंतिम कार्यदिवस पर यह काम कर रचा इतिहास

सीजेआई रंजन गोगोई ने अपने अंतिम कार्यदिवस पर उच्च न्यायालयों (High Court) एवं उसकी खंडपीठों के 650 न्यायाधीशों और देश भर के 837 जिला एवं तालुका अदालतों के करीब 15,000 न्यायिक अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर आज इतिहास रच दिया.

Updated on: 16 Nov 2019, 09:56 AM

दिल्ली:

निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई (Justice Ranjan Gogoi) ने शुक्रवार को कहा कि देश के करीब 15,000 न्यायिक अधिकारी अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और यहां तक कि बार के स्थानीय सदस्यों के लापरवाहीपूर्ण रवैये का सामना कर रहे हैं. देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई रविवार 17 नवंबर को अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. शुक्रवार उनका अंतिम कार्य दिवस था. उन्होंने उच्च न्यायालयों (High Court) एवं उसकी खंडपीठों के 650 न्यायाधीशों और देश भर के 837 जिला एवं तालुका अदालतों के करीब 15,000 न्यायिक अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर आज इतिहास रच दिया.

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शीर्ष न्यायालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. न्यायमूर्ति गोगोई ने अपने संबोधन में कहा कि उनका हमेशा से यह मानना रहा है कि काम की चुनौतियां एवं जीवन की कठिनाइयां संकल्प को और अधिक मजबूत करती हैं. न्यायमूर्ति गोगोई ने संतोष की भावना प्रकट करते हुए और बड़ी उम्मीद के साथ कहा, ‘‘मैं अपने साथ यह जानकारी लेकर जाउंगा कि हमारी संस्था और इसकी प्रक्रियाओं की जिम्मेदारी मेरे देश के बेहतरीन नागरिकों के कंधों पर है, जिन्होंने इस कड़ी मेहनत वाली जिंदगी और न्याय के व्यापक उद्देश्य की खातिर त्याग को चुना.’’

उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालय में सीजेआई के पद पर उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने देखा कि न्यायपालिका की संस्था किस तरह से सभी मोर्चों पर सभी मुश्किलों से लड़ रही है और किस तरह से आपमें से प्रत्येक ने अपने-अपने पदों पर न्याय की उम्मीद को अव्यवस्था एवं सामाजिक-आर्थिक उथल पुथल के बीच बरकरार रखा. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से अवगत हूं कि आपमें से कई लोगों को अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के रूप में रोजाना की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है या यहां तक कि बार के स्थानीय सदस्यों के लापरवाहीपूर्ण कार्यों को झेलना पड़ता है, फिर भी यह कभी मत भूलिये कि आप एक व्यापक विमर्श का हिस्सा हैं जिसकी नागरिक वर्ग को एकजुट करने में तथा राष्ट्र की न्याय प्रदान करने वाली संरचना को मजबूत करने में बड़ी भूमिका है.’’

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उन्होंने न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा , ‘‘आने वाले समय में अपने झंडे को और अधिक ऊंचाई पर लहराएं.’’ न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि न्यायपालिका का हर सदस्य राष्ट्र निर्माता है.