देश छोड़कर पाकिस्तान गए लोगों के वापस भारत आने पर कोर्ट ने दिखाई सख्ती, जनवरी में होगी अगली सुनवाई
इसके खिलाफ कश्मीर पैंथर पार्टी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि ये क़ानून असंवैधानिक और मनमाना है।
NEW DELHI:
जम्मू कश्मीर पुनर्वास कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर चीफ जस्टिस ने पूछा है कि आखिर विभाजन के दौरान पाकिस्तान जा चुके लोगों के वंशजों को भारत में फिर से रहने की इजाज़त कैसे दी जा सकती है। कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से पूछा है कि राज्य में पुर्नवास के लिए अभी तक कितने लोगों ने अप्लाई किया है। ये क़ानून विभाजन के दौरान 1947- 54 के बीच पाकिस्तान जा चुके लोगों को हिंदुस्तान में पुर्नवास की इजाज़त देता है।
ये भी पढ़ें- ट्रेन में ये काम करते पकड़े गए थे BJP सांसद, कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वॉरंट
इसके खिलाफ कश्मीर पैंथर पार्टी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि ये क़ानून असंवैधानिक और मनमाना है। इसके चलते राज्य की सुरक्षा को खतरा हो गया है। केंद्र सरकार ने भी याचिकाकर्ता का समर्थन किया है। कोर्ट में सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार पहले ही कोर्ट में हलफनामा दायर कर ये साफ कर चुका है कि वो विभाजन के दौरान सरहद पार गए लोगों की वापसी के पक्ष में नहीं है।
ये भी पढ़ें-
वहीं जम्मू कश्मीर सरकार ने सुनवाई टालने की मांग की। राज्य सरकार का कहना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 35 A को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला नहीं दे देता, तब तक इस पर विचार न हो। मामले की अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे हफ्ते में होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट 2016 में संकेत दे चुका है कि ये मामला विचार के लिए संविधान पीठ को सौंपा जा सकता है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Love Rashifal 3 May 2024: इन राशियों के लिए आज का दिन रोमांस से रहेगा भरपूर, जानें अपनी राशि का हाल
-
Ganga Dussehra 2024: इस साल गंगा दशहरा पर बन रहा है दुर्लभ योग, इस शुभ मुहूर्त में स्नान करें
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीय के दिन करें ये उपाय, चुम्बक की तरह खिंचा चला आएगा धन!
-
First Hindu Religious Guru: ये हैं पहले हिंदू धर्म गुरु, भारत ही नहीं विश्व भी करता है इन्हें नमन