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पी चिदंबरम (फाइल)
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पी चिदंबरम (फाइल)
आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से आग्रह किया कि मैं भी कुछ बोलना चाहता हूं. SG तुषार मेहता ने इसका विरोध किया. इसके बाद सिंघवी ने दिल्ली HC के फैसले का हवाला देते हुए कहा- 'आरोपी भी कोर्ट में अपनी बात रखने का हक रखता है.' लेकिन SG तुषार मेहता ने विरोध किया. मेहता ने कहा- 'कानून की नजर में सब बराबर है. पी चिंदबरम के लिए भी कोई रियायत नहीं होनी चाहिए. हम ऐसे आरोपी से निपट रहे हैं, जो लगातार सवालों से बच रहा है, अभी जांच जारी है आगे हमें उनसे सवाल पूछने हैं.'
तुषार मेहता ने आगे कहा- 'दो वकील उनकी ओर से पहले ही बोल चुके हैं, फिर उनके बोलने का क्या औचित्य है.' सिंघवी ने पेशकश की कि जज उनसे सवाल पूछ सकते हैं, लेकिन तुषार मेहता ने फिर विरोध किया. मेहता ने कहा- 'ये तो कोर्ट के नियम कानूनों से बाहर की बात है. जो सवाल जांच के दौरान हमें पूछने हैं, वो यहां कोर्ट में कैसे पूछे जा सकते हैं. चिंदबरम की तरफ से एक नहीं, दो वकील बोले, हमने ऐतराज नहीं किया पर इसकी इजाजत नहीं होनी चाहिए.'
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मेहता ने आगे कहा, 'आप मेरे पूछताछ के अधिकार को नहीं छीन सकते हैं. ये इस देश के प्रति मेरा फर्ज है. आखिर एक ही बार पूछताछ के लिए क्यों बुलाया गया. हमें पता था कि हम सच तक नहीं पहुंच पाएंगे अगर उनकी गिरफ्तारी पर कोर्ट से लगी रोक बरकरार रहती है. अभी अभी गिरफ्तारी से रोक हटी है, जब HC ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज की है.'
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तुषार मेहता ने आगे कहा, 'कानून से न भागने की बात बेमानी है. अगर हम मामले की तह तक नहीं जा रहे तो देश के प्रति जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं. एक बार चिंदबरम ने कोर्ट से आग्रह किया कि मैं एक मिनट में अपनी बात रखना चाहता हूं.' तुषार ने विरोध करते हुए कहा- 'वकील से बात कर ले. तुषार ने कोर्ट से आग्रह किया कि इसकी इजाजत मत दीजिए. नई परम्परा की शुरुआत मत कीजिये.' इसके बाद कोर्ट ने पी चिंदबरम को बोलने की इजाजत दे दी. इसके बाद चिदंबरम ने कोर्ट के सामने कहा, 'मैने हर सवाल का जवाब दे दिया चाहे तो आप सीबीआई की ट्रांसक्रिप्शन मंगवा कर देख लीजिए. रकम के बारे में मुझसे पूछा ही नहीं गया सिर्फ विदेश में बैक अकाउंट के बारे में पूछा गया. जो बातें मुझसे पूछी गयीं मैने उन बातों का जवाब दे दिया.'
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