छत्तीसगढ़ के चर्चित अंतागढ़ टेपकांड मामले की जांच के लिए टीम गठित

2015—16 में अंतागढ़ उप चुनाव को लेकर एक आडियो टेप जारी हुआ था. जिसमें इस चुनाव के दौरान कथित रूप से पैसे के लेनदेन का मामला सामने आया था.

2015—16 में अंतागढ़ उप चुनाव को लेकर एक आडियो टेप जारी हुआ था. जिसमें इस चुनाव के दौरान कथित रूप से पैसे के लेनदेन का मामला सामने आया था.

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Vineeta Mandal
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छत्तीसगढ़ के चर्चित अंतागढ़ टेपकांड मामले की जांच के लिए टीम गठित

(सांकेतिक चित्र)

छत्तीसगढ़ में चर्चित अंतागढ़ टेपकांड मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने अंतागढ़ टेपकांड मामले की जांच के लिए रायपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक की निगरानी में जांच दल का गठन किया है. अधिकारियों ने बताया कि इस जांच दल में रायुपर जिले की पुलिस अधीक्षक नीथू कमल, पुलिस उपाधीक्षक अभिषेक महेश्वरी, तेलीबांधा थाना क्षेत्र के प्रभारी नरेश पटेल और साइबर शाखा के उपाधीक्षक विक्रम ध्रुव को शामिल किया गया है. 

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उन्होंने बताया कि यह दल कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा सीट के लिए 2014 में हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा नाम वापस लिए जाने की घटना से संबंधित टेपकांड की जांच करेगा. इस संबंध में कांकेर और रायपुर जिले में शिकायतें लंबित हैं.

राज्य में 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अंतागढ़ विधानसभा सीट में बीजेपी के विक्रम उसेंडी विजयी हुए थे. बाद में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में वह कांकेर लोकसभा सीट के लिए चुन लिए गए थे. जब अंतागढ़ विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव हुआ तब मतदान से पहले कांग्रेस प्रत्याशी मंतुराम पवार ने अपना नाम वापस ले लिया था। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग की जीत हुई थी.

2015—16 में अंतागढ़ उप चुनाव को लेकर एक आडियो टेप जारी हुआ था. जिसमें इस चुनाव के दौरान कथित रूप से पैसे के लेनदेन का मामला सामने आया था.

टेप में कथित रूप से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के मध्य हुई बातचीत थी। इसके सामने आने के बाद तत्कालीन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अंतागढ़ उप चुनाव के दौरान पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया था. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री जोगी और रमन सिंह ने इस मामले में शामिल होने से इंकार किया था.

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बाद में कांग्रेस ने अमित जोगी को पार्टी से बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद अजीत जोगी ने राज्य में नई राजनीति पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन कर लिया था। वहीं 2015 में मंतूराम पवार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे.

अंतागढ़ टेपकांड मामले की जांच के लिए दल का गठन करने के बाद अमित जोगी ने पूरे मामले की एसआईटी अथवा अन्य किसी भी संस्था से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है. जोगी ने मांग की है कि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश की निगरानी में समय बद्ध तरीक़े से होनी चाहिए.

वहीं विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार पूर्व में लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने के लिए साजिश रच रही है. बीजेपी के प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कहा है कि कांग्रेस ने भाजपा सरकार के दौरान राज्य सरकार पर मनगढ़ंत आरोप लगाए थे. अब कांग्रेस सत्ता में आने के बाद इसे सिद्ध करने के लिए साजिश रच रही है.

Source : PTI

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