स्वच्छता भारत अभियान की दूत बनी 106 साल की कुंवर बाई का शुक्रवार को निधन हो गया।
स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी एकमात्र संपत्ति 10 में से 8 बकरियों को बेच दिया था। ताकि धामतारी जिले में उनके गांव कोटाभर्री में 22,000 रुपये इकट्ठा कर अपने घर पर शौचालय बनवाया जा सके।
छत्तीसगढ़ की कुंवर बाई बकरी बेचकर शौचालय बनाने के बाद तब चर्चा में आई थीं, जब प्रधानमंत्री मोदी ने इस काम के लिए उनकी सराहना की थी और उनका आशीर्वाद भी लिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 2016 में स्वच्छ भारत अभियान के दूत के तौर पर चुना ता क्योकि उन्होंने अपने गांव को खुले में शौच मुक्त करने के लिये कोशिश की थी।
पीएम मोदी ने राजनंदगांव में उनका पांव छूकर आशीर्वाद लिया था। पीएम ने उन्हें 'मां' की उपाधि दी थी और मां कुंअरबाई यादव कहकर बुलाया था।
कुंवर बाई ने खुले में शौच करने के विरोध में अपने गांव में अभियान भी चलाया था। उनकी कोशिशों के कारण 2016 में छत्तीसगढ़ का धामतारी जिला खुले में शौच से मुक्त जिला बना था।
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Source : News Nation Bureau