छत्तीसगढ़ में 73वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर के लाल बाग मैदान में ध्वजारोहण कर सलामी ली। बीते तीन सालों में किए गए कार्यों का ब्यौरा देते हुए कर्मचारियों के लिए सप्ताह में पांच दिन कार्य दिवस सहित कई घोषणाएं कीं।
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए बीते तीन सालों में राज्य के हालात मंे बदलाव लाने के लिए किए गए कामों का जिक्र करते हुए बताया कि तीन वर्ष पहले जब जनादेश मिला तो हमने छत्तीसगढ़ में न्याय, नागरिक अधिकारों और जन-सशक्तीकरण का काम मिशन मोड में किया है। यही वजह है कि आज प्रदेश में चारों ओर न्याय, विश्वास, विकास और उसमें जन-जन की भागीदारी की छटा दिखाई पड़ रही है।
खुद को किसान का बेटा बताते हुए बघेल ने कहा कि, प्रदेश में सरकार बनते ही धान का 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के बजट से 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को देने की व्यवस्था की है। अब इस योजना में धान सहित खरीफ की सभी फसलों, लघु धान्य फसलों जैसे कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन तथा उद्यानिकी फसलों को भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में घोषणा करते हुए कहा कि आगामी खरीफ वर्ष 2022-23 से प्रदेश में दलहन फसलों जैसे मूंग, उड़द, अरहर की खरीदी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी।
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है, जिसके तहत धान उत्पादक किसान यदि अपने पंजीकृत रकबे में धान के बदले वृक्ष लगाते हैं तो उन्हें भी तीन वर्ष तक 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
उन्होने आगे कहा कि भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत प्रतिवर्ष छह हजार रुपए प्रदान करने का प्रावधान किया है। एक फरवरी को पहली किस्त की राशि पात्र हितग्राहियों को अंतरित की जाएगी। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में कृषि व संबंधित कार्यों के लिए 76 प्रतिशत राशि खर्च की है। इसी प्रकार जल-जंगल-जमीन से संबंधित कार्यों के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 65 प्रतिशत के प्रावधान के विरुद्ध हमने छत्तीसगढ़ में 82 प्रतिशत राशि खर्च की है। कोरोना के दौर में मनरेगा से गांवों में बड़े पैमाने पर रोजगार देने का कीर्तिमान बनाया गया था, वहीं अन्य विभागों की योजनाओं के साथ जोड़कर मनरेगा की व्यापक सार्थकता साबित की है। सुराजी गांव योजना गांवों में नई अर्थव्यवस्था की बुनियाद बनाने में सफल हो रही है। इसके अंतर्गत नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी के विकास के काम अब बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। गोधन न्याय योजना से ग्रामीण तथा शहरी गौ-पालकों को आजीविका का नया जरिया उपलब्ध कराया है।
मुाख्यमंत्री बघेल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर बड़े संकल्प किए। साथ ही कई घोषणाएं कीं जिसमें सबसे प्रमुख घोषणा कर्मचारियों के लिए रही। उन्होने कहा, प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के हित में अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत राज्य सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करेंगे। वहीं शासकीय कर्मचारियों की कार्य क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार अब 5 कार्य दिवस प्रति सप्ताह प्रणाली पर कार्य करेगी।
उन्होने कहा, इसी वर्ष, समस्त अनियमित भवन निर्माण के नियमितीकरण हेतु एक व्यवहारिक, सरल एवं पारदर्शी कानून लाएगी, जिससे अनेक नागरिक प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।
रिहायशी क्षेत्रों में संचालित व्यवसायिक गतिविधियों के नियमितीकरण हेतु आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि, प्रदेश के नगरीय-निकायों में नल कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को डायरेक्ट भवन अनुज्ञा की तर्ज पर मानवीय हस्तक्षेप मुक्त बना कर समय-सीमा में नल कनेक्शन दिए जाने का निर्णय लिया गया। शहरी क्षेत्रों में आबादी, नजूल एवं स्लम पर स्थित पट्टों को भी फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया था, जिससे नागरिकों को भूमि-स्वामी हक प्राप्त हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में भी शासकीय पट्टे की भूमियों को फ्री होल्ड किया जाएगा।
औद्योगिक नीति में पिछड़ा वर्ग के लिए विषेष प्रावधान किए जाने का ऐलान करते हुए बघेल ने कहा, अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों में उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु औद्योगिक नीति में संशोधन कर इस प्रवर्ग हेतु 10 प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किए जाएंगे, जो कि भू-प्रीमियम दर के 10 प्रतिशत दर तथा 1 प्रतिशत भू-भाटक पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
महिला सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन कर उसे प्रभावी रूप से महिला सुरक्षा हेतु उपयोग करेंगे।
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Source : IANS