चीनी वीजा मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को चेन्नई में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम के आवास की तलाशी ली और वहां से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।
सीबीआई के एक सूत्र ने कहा कि जब जांच एजेंसी ने मई में कार्ति चिदंबरम के आवास पर छापेमारी की थी, तो घर के एक हिस्से को सील करना पड़ा था, क्योंकि चाबी कांग्रेस सांसद की पत्नी के पास थी, जो उस समय कथित तौर पर देश से बाहर थीं।
सूत्र ने कहा, आज (शनिवार) कार्ति चिदंबरम की पत्नी जांच में शामिल हुईं और हमने घर के उस हिस्से को खोला। हमने कुछ आपत्तिजनक सबूत और दस्तावेज बरामद किए हैं।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, 2011 में, मानसा (पंजाब) स्थित एक निजी फर्म, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और चीनी नागरिकों को समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने में मदद करने के लिए वीजा जारी करने के लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का भुगतान किया।
सीबीआई के अनुसार, चेन्नई स्थित एक निजी व्यक्ति ने अपने करीबी सहयोगी के माध्यम से कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसे मानसा स्थित निजी कंपनी ने भुगतान किया था।
सीबीआई का आरोप है कि उक्त रिश्वत का भुगतान मानसा स्थित निजी कंपनी से चेन्नई के उक्त निजी व्यक्ति और उसके करीबी सहयोगी को मुंबई की एक कंपनी के माध्यम से कंसल्टेंसी के लिए उठाए गए झूठे चालान के भुगतान के रूप में किया गया था।
हाल ही में सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा था, मानसा स्थित निजी फर्म 1,980 मेगावाट ताप विद्युत संयंत्र (थर्मल पावर प्लांट) स्थापित करने की प्रक्रिया में थी और संयंत्र की स्थापना एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स की गई थी।
यह भी आरोप लगाया गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कथित तौर पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद की थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और शिवगंगा से लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने सभी आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने एक भी चीनी नागरिक को सुविधा नहीं दी और मामला फर्जी है।
यह मामला तब का है, जब कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम तब केंद्रीय गृह मंत्री थे।
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Source : IANS