दक्षिण अंडमान सागर और इससे सटे थाईलैंड तट पर शनिवार सुबह कम दबाव का क्षेत्र बना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा कि सिस्टम के पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 15 नवंबर तक उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव बनने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते रहने और तेज होने और 18 नवंबर के आसपास आंध्र प्रदेश तट के पास पहुंचने की संभावना है।
इसके प्रभाव से 17 नवंबर को गंजम और गजपति जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।
एक बुलेटिन में कहा गया है कि 16 से 18 नवंबर के दौरान बंगाल की पूर्वी खाड़ी से सटे पश्चिम-मध्य क्षेत्र में 55-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है और 17 नवंबर से आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों के साथ-साथ मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर से शुरू होगा।
आईएमडी के क्षेत्रीय केंद्र ने मछुआरों को सलाह दी है कि वे 16 से 18 नवंबर के दौरान पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्र के क्षेत्रों में और 17 और 18 नवंबर को दक्षिण ओडिशा के तटों के पास ना जाएं।
शनिवार और रविवार को खुर्दा, पुरी, गंजम, नयागढ़, गजपति, कटक और जगतसिंहपुर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है।
पिछले 24 घंटों में ओडिशा में कम से कम आठ स्थानों पर 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है। मौसम कार्यालय के अनुसार, गंजम जिले के छत्रपुर में पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक 137.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद उसी जिले में अस्का में 135.2 मिमी बारिश हुई है।
इस अवधि के दौरान पुरी में 124 मिमी बारिश हुई, बेलागुन्था में 123.3 मिमी बारिश हुई, इसके बाद भंजनगर (119 मिमी), दिगपहांडी (119 मिमी), बानपुर (107 मिमी) और गोपालपुर (100.4 मिमी) में बारिश हुई है।
मौसम केंद्र ने संभावित प्रभावित जिलों के किसानों को अपनी फसल की देखभाल करने की सलाह दी है।
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Source : IANS