एक दशक पहले सऊदी राजकुमार से उपहार में मिले 15 वर्षीय नर चीता की हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि अब्दुल्ला नाम का चीता शनिवार को मर गया। चिड़ियाघर के अधिकारियों ने पोस्टमार्टम किया, जिसमें पता चला कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
हैदराबाद में आयोजित सीओपी11 शिखर सम्मेलन-2012 के दौरान सऊदी प्रिंस बंदार बिन सऊद बिन मोहम्मद अल सऊद ने अफ्रीकी शेरों और चीतों के दो जोड़े उपहार में देने की घोषणा की थी।
चिड़ियाघर को 2013 में सऊदी अरब के राष्ट्रीय वन्यजीव अनुसंधान केंद्र से ये जानवर मिले थे।
मादा चीता की 2020 में मौत हो गई थी और तब से अब्दुल्ला अकेला हो गया था।
मादा चीता हिबा की आठ वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई। उसे पैराप्लेजिया नाम की बीमारी थी।
अब्दुल्ला की मौत के साथ, नेहरू जूलॉजिकल पार्क में अब कोई चीता नहीं है।
भारत में लगभग 70 साल पहले चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
पिछले साल, नामीबिया के आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था।
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Source : IANS