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बाबरी विध्वंस मामला: आडवाणी, उमा और जोशी के खिलाफ तय होंगे आरोप

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आज आरोप तय किए जाएंगे। इन सभी नेताओं के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप तय किया जाएगा।

Updated on: 30 May 2017, 09:25 AM

नई दिल्ली:

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आज आरोप तय किए जाएंगे। इन सभी नेताओं के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप तय किया जाएगा। 

उमा भारती केंद्र की मौजूदा सरकार में जल संसाधन मंत्री है। वहीं मुरली मनोहर जोशी कानपुर से मौजूदा सांसद हैं। लखनऊ के कोर्ट में हाजिर होने से पहले लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और रामविलास वेदांती की मुलाकात होगी। 

इसके अलावा विशेष सीबीआई जज एस के यादव ने बीजेपी नेता विनट कटियार, विश्व हिंदू परिषद हरि डालमिया और फायरब्रांड हिंदू नेता साध्वी ऋतंभरा को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है।

सभी आरोपियों को अदालत ने कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने किसी भी आरोपी को निजी पेश से छूट नहीं देने और मामले को स्थगित नहीं किए जाने का आदेश दे रखा है।

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बाबरी विध्वंस से जुड़े दो मामलों में कोर्ट में आरोप तय किए जाएंगे। अन्य लोगों में महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेम जी, चंपत राय बंसल, महंत धर्म दास और सतीश प्रधान के खिलाफ दूसरे मामले में आरोप तय किए जाएंगे।

19 अप्रैल के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने दो सालों के भीतर इस मामले की सुनवाई पूरी किए जाने का आदेश दे रखा है।

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अदालत ने मध्ययुगीन ढांचे को गिराए जाने को ''अपराध'' करार दिया था, जिसने ''संविधान के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को हिलाकर रख दिया।'' इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई की उस अपील को मंजूर कर लिया था, जिसमें उसने कटियार समेत बीजेपी के चार नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कल्याण सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी थी क्योंकि फिलहाल वह राज्यपाल के गवर्नर हैं और उन्हें संवैधानिक छूट मिली हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही आडवाणी, जोशी, भारती और अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ चल रहे मामले को रायबरेली से हटाकर लखनऊ कोर्ट में भेज दिया था।

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