राज्य सभा में दिग्विजय सिंह ने उठाया गोवा का मुद्दा, राज्यपाल की भूमिका पर हंगामा

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की, जिसके तहत दिन के सूचीबद्ध कार्यो को स्थगित करके चर्चा शुरू करने का प्रावधान है।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की, जिसके तहत दिन के सूचीबद्ध कार्यो को स्थगित करके चर्चा शुरू करने का प्रावधान है।

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vineet kumar
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राज्य सभा में दिग्विजय सिंह ने उठाया गोवा का मुद्दा, राज्यपाल की भूमिका पर हंगामा

दिग्विजय सिंह

गोवा में बीजेपी सरकार के गठन में राज्यपाल मृदुला सिन्हा की भूमिका को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान हंगामा किया। इस कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। कांग्रेस सदस्य सभापति के आसन के पास जाकर नारे लगाने लगे, जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

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सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की, जिसके तहत दिन के सूचीबद्ध कार्यो को स्थगित करके चर्चा शुरू करने का प्रावधान है। सदन के उप सभापति पी.जे. कुरियन ने यह कहते हुए नोटिस ठुकरा दिया कि केवल विधिवत प्रस्ताव के तहत ही राज्यपाल की भूमिका पर चर्चा हो सकती है।

दिग्विजय सिंह ने राज्यपाल द्वारा मुंबई मिरर को दिए एक इंटरव्यू का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से चर्चा के बाद ही मनोहर पर्रिकर को सरकार गठन का न्योता देने का फैसला किया।

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सिंह के मुताबिक, सिन्हा ने उस इंटरव्यू में कहा, 'मैने केंद्र से बात नहीं की, कोई मुझसे मिलने नहीं आया, किसी ने मुझे फोन नहीं किया। रविवार शाम 6.30 बजे के करीब पर्रिकर ने मुझे सूचना दी। मुझे लगा कि मुझे अरुण जेटली से बात करनी चाहिए और मैने रात करीब 9.30 बजे उन्हें फोन किया और स्थिति पर चर्चा की।'

कांग्रेस के गोवा विधानसभा चुनाव में 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सरकार बनाने का न्योता दिया था। पर्रिकर ने गोवा में अन्य क्षेत्रीय दलों व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है। उन्होंने गुरुवार को गोवा विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया।

कांग्रेस नेताओं ने सिन्हा द्वारा फैसला लेने से पूर्व एक केंद्रीय मंत्री से चर्चा करने पर आपत्ति दर्ज की। सदन में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेउ 164 (1) का उल्लंघन है।

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हालांकि, कुरियन ने कहा कि वह केवल समाचार पत्र की खबर के आधार पर मामले पर चर्चा की अनुमति नहीं देंगे। इसके तुरंत बाद, कांग्रेस सदस्य आसन के पास जाकर 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' और 'नरेंद्र मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगाने लगे।

हंगामा जारी रहने के कारण कुरियन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

Source : IANS

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