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चंद्रबाबू नायडू ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया

चंद्रबाबू नायडू ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत किया

Updated on: 19 Nov 2021, 04:15 PM

अमरावती:

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले का स्वागत किया।

नायडू ने कहा कि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के लगातार विरोध प्रदर्शन के जवाब में प्रधानमंत्री ने सही फैसला किया है।

नायडू ने एक बयान में कहा कि इसी तरह के कदम के चलते आंध्र प्रदेश सरकार को भी किसानों के हित में तीन राज्यों की राजधानियों के फैसले को वापस लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अमरावती के किसानों और पूरे राज्य के बहुप्रतीक्षित सपने को पूरा किया जाना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि ये अमरावती राज्य के लिए धन और रोजगार के अवसर पैदा करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

टीडीपी प्रमुख ने यह भी बताया कि अमरावती के किसान पिछले 700 दिनों से आंध्र प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और राज्य की राजधानी के विकास के लिए उन्होंने अपनी 34,000 एकड़ जमीन की कुर्बानी दी है।

उन्होंने दावा किया कि अमरावती के किसानों की महा पदयात्रा को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।

नायडू के अनुसार, तत्कालीन विपक्षी नेता ने राज्य विधानसभा में यह कहकर अमरावती राजधानी को पूर्ण समर्थन दिया कि राजधानी को 30,000 एकड़ से अधिक में विकसित किया जाना चाहिए।

विधानसभा के सभी सदस्यों ने अमरावती को अपना पूर्ण समर्थन दिया।

कानून के अनुसार तत्कालीन राज्य सरकार ने सभी अमरावती किसानों से उनकी जमीन देने का समझौता किया था।

नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों ने शुरूआत में राज्य विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था कि अमरावती ही एकमात्र राजधानी होनी चाहिए। हालांकि, कम समय में ही यह शहर राज्य सरकार के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के रूप में विकसित हो गया है।

टीडीपी प्रमुख ने जोर देकर कहा कि यदि अमरावती पूरी तरह से विकसित हो जाती है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.