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चंद्रबाबू नायडू( Photo Credit : social media )
आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) को एक घोटाले के मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. उन पर 371 करोड़ रुपए के कौशल विकास निगम घोटाले का आरोप है. तेलुगू देशम पार्टी के नेता को विजयवाड़ा की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में पेश किया गया था. यहां से उन्हें राजमुंदरी जेल ले जाया जा रहा है. नायडू को कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेश किया गया. उनकी ओर एक कानूनी टीम है. उसमें सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्दार्थ लूथरा भी थे. उन्होंने अदालत ने बताया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है.
उन्होंने कहा, किसी के पास कोई ठोस आरोप नहीं है.उन्होंने अदालत से अभियोजन एजेंसी की रिमांड रिपोर्ट को खारिज करने का अनुरोध किया. टीडीपी नेता के वकीलों का तर्क है ​कि वह कथित अपराधों के समय वे सीएम थे. इसकी जांच की मंजूरी– ‘आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में एक लोक सेवक’ केवल ‘वह व्यक्ति जो मुख्यमंत्री को पद से हटा सकता है- यानी, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल’ द्वारा दी जा सकती थी.
नायडू पर सहयोग नहीं करने का आरोप
नायडू के वकीलों ने अदालत को बताया कि अभियोजना पक्ष ने ऐसा नहीं किया था। इसलिए यह एक वैधानिक उल्लंघन है और इसलिए रिमांड को खारिज कर दिया जाना चाहिए. आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग ने कहा कि नायडू जो 73 वर्ष के हैं। उन्होंने इसके लिए अस्पष्ट उत्तर देने हुए कहा कि उन्हें कुछ मुद्दे याद नहीं हैं.
एक हेलीकॉप्टर की पेशकश से इनकार
रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, नायडू ने उन्हें नंद्याल से, जहां उन्हें पकड़ा गया था. विजयवाड़ा की अदालत में ले जाने के लिए एक हेलीकॉप्टर की पेशकश से इनकार कर दिया था। इसके बाद सड़क मार्ग से उसे ले जाया गया था. पुलिस ने अदालत को बताया कि टीडीपी कार्यकर्ताओं द्वारा बाधा डाली गई.
Source : News Nation Bureau
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