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उत्तराखंड के MPs ने पीएम नरेंद्र मोदी से की मुलकात, सांसद अनिल बलूनी ने कही ये बड़ी बात

Uttarakhand Glacier Disaster : उत्तराखंड के चमोली जिले में आई तबाही को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को उत्तराखंड के सांसदों (Uttarakhand MPs) से बातचीत की.

Updated on: 08 Feb 2021, 06:25 PM

highlights

  • सांसदों ने पीएम को उत्तराखंड में आई विपदा के बारे में कराया अवगत 
  • बैठक में पीएम मोदी के साथ अमित शाह और जेपी नड्डा भी शामिल
  • चमोली हादसे में अबतक 18 लोगों की मौत होने की सूचना

नई दिल्ली:

Uttarakhand Glacier Disaster : उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को आई तबाही को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को उत्तराखंड के सांसदों (Uttarakhand MPs) से बातचीत की. इस दौरान सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM narendra Modi) को उत्तराखंड में आई विपदा के बारे में अवगत कराया. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया. इस बैठक में पीएम मोदी के साथ केंद्री गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) भी मौजूद थे. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद उत्तराखंड के सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि हमने आज पीएम नरेंद्र मोदी मुकालात की. जिस प्रकार से तेजी से काम चल रहा है उसके लिए हमने पीएम मोदी का आभार भी जताया है. जब ये त्रासदी आई थी, तब प्रधानमंत्री असम के दौरे पर थे. असम से ही पीएम मोदी ने रेस्क्यू आपरेशन की पूरी समीक्षा की. आज की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी थे. गृह मंत्री दौरे पर थे, लेकिन उन्होंने तुरंत एनडीआरएफ समेत तमाम एंजेंसियां सक्रिय कर दीं. 
 
सांसद अनिल बलूनी ने आगे कहा कि इसे लेकर उत्तराखंड की सरकार भी काफी एक्टिव है. वहां पर बचाव कार्य अच्छे तरीके से किए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य में आने वाले आपदाओं से निपटने के लिए और बेहतरीन कदम उठाए जाएंगे. उत्तराखंड की आपदा से निपटने के लिए भारत सरकार पूरी तरह से राज्य सरकार का सहयोग कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि अभी भी वहां राहत और बचाव कार्य जारी है, इसलिए अभी ये कहना मुश्लिक है कि कितने लोग इस हादसे में फंसे हुए हैं.   

आपको बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद विभिन्न एजेंसियां सर्च ऑपरेशन चला रही हैं. अभी भी तकरीबन 200 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि 18 शवों को बरामद कर लिया गया है. इस तबाही की वजह से वहां चल रहे ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है और दोनों ही क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

वहीं, लापता लोगों को ढूंढने के लिए सेना ने अपने ताकतवर हेलीकॉप्टरों को उतार दिया है. एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर के दूसरे बेड़े को सोमवार दोपहर को देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना कर दिया गया. ये हेलीकॉप्टर चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद करेंगे और लोगों को जिंदा बचाने की कोशिश करेंगे. भारतीय वायुसेना ने बताया कि इंडियन एयरफोर्स कमांडर वर्तमान समय में जारी ऑपरेशन के लिए राज्य प्रशासन से कॉर्डिनेट कर रहे हैं.