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चीन के साथ सीमा पर स्थिति चुनौतीपूर्ण: विदेश सचिव

हमारे पड़ोस की स्थिति हमें नई वास्तविकताओं से अवगत करा रही हैं. विशेष रूप से अफगानिस्तान और हमारी पूर्वी सीमाओं पर चीन के साथ हमें नये सिरे से वास्तविकताएं को महसूस हो रही हैं.

Updated on: 20 Sep 2021, 04:41 PM

highlights

  • विदेश सचिव का बयान भारत और चीन के बीच तनाव के परिपेक्ष्य में आया है
  • हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य आवश्यक है
  • भारत-चीन संबंधों का विकास आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है

 

नई दिल्ली:

भारत ने चीन को दो टूक कहा कि दोनों देशों के आपसी रिश्ते तभी संभव हो सकते हैं जब सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति हो. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, हमने चीनी पक्ष को स्पष्ट कर दिया है कि हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य आवश्यक है. भारत और चीन के संबंध का विकास थ्री म्युचुअल्स पर आधारित हैं, जिसमें परस्पर आदर, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित शामिल हैं. विदेश सचिव का बयान भारत और चीन के बीच तनाव के परिपेक्ष्य में आया है. 

वहीं अफगानिस्तान की स्थिति पर उन्होंने कहा कि हमारे पड़ोस की स्थिति, विशेष रूप से अफगानिस्तान और हमारी पूर्वी सीमाओं पर चीन, हमें याद दिलाती है कि जहां नई वास्तविकताएं खुद को महसूस कर रही हैं, वहीं पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां बनी हुई हैं.

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विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हमारे पड़ोस की स्थिति हमें नई वास्तविकताओं से अवगत करा रही हैं. विशेष रूप से अफगानिस्तान और हमारी पूर्वी सीमाओं पर चीन के साथ हमें नये सिरे से वास्तविकताएं को महसूस हो रही हैं, वहीं पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां बनी हुई हैं.विदेश सचिव ने कहा कि हमने चीनी पक्ष को यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य आवश्यक है. भारत-चीन संबंधों का विकास केवल 'तीन आपसी'-आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है.     

विदेश सचिव ने कहा कि हमने चीनी पक्ष को यह स्पष्ट कर दिया है कि हमारे संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य आवश्यक है.