भारत ने चाबाहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को गेहूं भेजा

भारत ने रविवार को ईरान के चाबाहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को गेहूं की पहली खेप भेजी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी।

भारत ने रविवार को ईरान के चाबाहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को गेहूं की पहली खेप भेजी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी।

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abhiranjan kumar
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भारत ने चाबाहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को गेहूं भेजा

भारत ने चाबाहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को गेहूं भेजा

भारत ने रविवार को ईरान के चाबाहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को गेहूं की पहली खेप भेजी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी।

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विदेश मंत्रालय ने कहा, 'भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने संयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारत से अफगानिस्तान जाने वाले गेहूं की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई, जो ईरान के चाबाहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान पहुंचेगी।'

बयान में कहा गया है, 'अफगानिस्तान के लोगों के लिए 11 लाख टन गेहूं की यह खेप भारत सरकार द्वारा दिए गए वचन का हिस्सा है, जिसमें कहा गया था कि वह अफगानिस्तान को अनुदान के आधार पर गेहूं भेजेगा।'

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने चाबाहार बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान जाने वाली इस पहली खेप का स्वागत किया है।

भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच परिवहन और पारगमन गलियारे के रूप में इस बंदरगाह को विकसित करने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच पिछले साल मई में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है, 'अगले कुछ महीनों में अफगानिस्तान को गेहूं की छह और खेप भेजी जाएगी। दोनों देशों के मंत्री अफगानिस्तान की जनता एवं क्षेत्र के फायदे और समृद्धि के लिए सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के 24 अक्टूबर के भारत दौरे के बाद गेहूं की यह खेप अफगानिस्तान भेजी गई है। भारत हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान का प्रमुख विकास सहायता साझेदार रहा है।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है, 'गेहूं की यह खेप बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अफगानिस्तान के लिए एक वैकल्पिक, विश्वसनीय और मजबूत संपर्क के रूप में चाबाहार बंदरगाह के संचालन के रास्ते खोलेगा।'

बयान में कहा गया है, 'यह भारत से अफगानिस्तान के लिए व्यापार और पारगमन के नए अवसर खोलेगा और तीनों देशों एवं व्यापक क्षेत्र के बीच व्यापार और वाणिज्य को बढ़ाएगा।'

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Source : IANS

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