मद्रास HC को केंद्र का जवाब, नए IT नियम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नहीं लगाते रोक
कन्नड़ गायक और रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता टी.एम कृष्णा और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के साथ-साथ पत्रकार मुकुंद पद्मनाभन ने इस कानून को लेकर याचिका दायर की गई है.
highlights
- आईटी के नए कानून को लेकर केंद्र सरकार का जवाब
- मद्रास हाईकोर्ट में केंद्र ने दाखिल किया जवाब
- अगली सुनवाई 14 सितंबर को
नई दिल्ली :
मद्रास हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल किया है. नए आईटी नियम को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने जवाब मांगा था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल कर कहा कि नए आईटी नियम गैर कानूनी सामग्री (कंटेंट) से निपटने लिए हैं और ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक नहीं लगाते. दरअसल, कन्नड़ गायक और रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता टी.एम कृष्णा और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (डीएनपीए) के साथ-साथ पत्रकार मुकुंद पद्मनाभन ने इस कानून को लेकर याचिका दायर की गई है. इन याचिकाओं में आईटी नियमों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है.
इन्हीं याचिकाओं के जवाब में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर किया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 यानी आईटी नियम 2021 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में दो जवाबी हलफनामे दायर किए.
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की याचिका में कहा गया है कि नए आईटी नियमों का भाषण और अभिव्यक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि यह आईटी नियमों के उल्लंघन में सामग्री पोस्ट करने वाले उपयोगकर्ताओं पर कोई दंड नहीं लगाता है. हलफनामे में कहा गया है कि यह प्रावधान केवल मध्यस्थ और यूजर्स के बीच लागू होता है ताकि मध्यस्थ उपयोगकर्ता को सूचित न करे किसी भी सामग्री को प्रकाशित करने के लिए जो विशेष रूप से प्रतिबंधित है.
इसके साथ ही केंद्र ने आगे कहा कि फिलहाल विभिन्न हाईकोर्ट में कुल मिलाकर 19 रिट याचिकाएं दायर हैं. हाईकोर्ट के समक्ष दायर सभी मामले आम तौर पर एक चीज सामान्य है कि ये सभी आईटी नियम 2021 को संविधान और आईटी अधिनियम 2000' के विपरीत घोषित करना चाहते हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय जहां नये आईटी नियमों का बचाव किया, वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अलग से 26 अगस्त को 115 पेज वाला हलफनामा दायर किया था और याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है.
इस मामले में अगली सुनवाई 14 सितंबर को होनी है. बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र द्वारा जवाबी हलफनामा दाखिल करने में देरी पर नाराजगी व्यक्त की थी.
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