गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह महाराष्ट्र में हुई हिंसा की घटना पर करीबी से नजर रखे हुए है और इस संबंध में मंत्रालय लगातार राज्य सरकार के संपर्क में है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, 'केंद्र को राज्य में हुई हिंसा के संबंध में महाराष्ट्र सरकार से एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मिली है।'
उल्लेखनीय है कि भीमा के कोरेगांव में हुई हिंसा के बाद अब तक एक 16 वर्षीय किशोर समेत दो की मौत हो गई है।
पुणे के इस गांव के पास महार व अंग्रेजों की सेना और पेशवाओं के बीच लड़ाई के 200 वर्ष पूरे होने पर समारोह का आयोजन किया गया था, जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई।
वहीं पूणे पुलिस ने गुजरात के दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ कथित रूप से समुदायों के बीच भावनाओं को भड़काने आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।
यह प्राथमिकी पुणे के 22 वर्षीय छात्र अक्षय जी. बिक्कड़ की शिकायत पर बुधवार देर रात दर्ज की गई। शिकायत में छात्र ने 31 दिसम्बर को पुणे के शनिवारवाड़ा में मेवानी और खालिद द्वारा दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई है।
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अपनी शिकायत में बिक्कड़ ने कहा कि उस दिन आयोजित 'यलगार परिषद' में दोनों वक्ताओं ने भड़काऊ भाषण दिए, जो सुमदायों के बीच गलतफहमी को बढ़ा सकते हैं।
शिकायत में मेवानी के भाषण के अंश दिए गए है, जिसमें मेवानी ने कहा कि '(एक जनवरी 1881) कोरेगांव-भीमा का युद्ध भविष्य की जंग हो सकती है। अगर वे हमला करते हैं तो यह समय उनको जवाब देने का होगा और इस जंग में जीत हासिल कर हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देंगे। 'नई पेशवाई' को कुचल देना कोरेगांव-भीमा युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि हो सकता है।'
इससे पहले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने गुरुवार को महाराष्ट्र में हुई हिंसा को लेकर सरकार पर आरोप लगाया है कि दलितों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से भारतीय होने की परिभाषा से अलग रखा गया है।
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येचुरी ने सरकार पर सवालों को लेकर कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, 'क्या बीजेपी दलितों को भारत का हिस्सा मानती है कि नहीं? या उन्हें भारतीय होने की परिभाषा से ही बाहर रखा गया है? केवल यहीं बात महाराष्ट्र हिंसा पर सरकार की चुप्पी को बता सकती है।'
येचुरी ने कहा, 'जैसे कि अंबेडकर ने कहा है कि एक इंसान एक वोट के समान है और एक वोट एक मूल्य के समान। लेकिन जब तक सामाजिक आर्थिक स्थिति के तहत हर नागरिक समान नहीं होता और सबका मूल्य एक नहीं होता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।'
येचुरी ने महाराष्ट्र में रविवार को भीमा-कोरेगांव युद्ध के दो सौ साल पूरे होने के जश्न के दौरान हुई भिड़ंत और अन्य हिंसक मामलों के खिलाफ ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी।
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Source : News Nation Bureau