बर्मिंघम टेस्ट से पहले हर्षित राणा भारतीय टीम से बाहर
त्योहारों पर उल्लास और सौहार्द बना रहे, भड़काऊ गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई हो : योगी आदित्यनाथ
आपातकाल में संविधान की हत्‍या और मौलिक अधिकारों का हुआ हनन : कंवर पाल गुज्जर
हिमाचल प्रदेश के खनियारा में तेज बहाव की चपेट में आने से कई मजदूर बहे, दो की मौत; जेपी नड्डा ने जताया दुख
करिश्मा कपूर से सगाई टूटने पर कैसी थी अभिषेक बच्चन की हालत? एक्ट्रेस ने तो सही बेहद तकलीफ
अंबेडकर के नाम पर अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही कांग्रेस: सरोज पांडे
पीएम मोदी ने खनन, रेलवे और जल संसाधन क्षेत्रों की प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
पाकिस्तान विकसित कर रहा है न्यूक्लियर-टिप्ड इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल
जिस युवा मोदी ने आपातकाल का विरोध किया, उसी व्यक्ति ने 2014 में परिवारवादी राजनीति को उखाड़ फेंका : अमित शाह

सरकारी राशन की दुकान से अनाज खरीदने के लिये आधार होगा जरूरी

देश में पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम में सुधार लाने के लिये केंद्र सरकार ने सभी सरकारी राशन दुकानों से सब्सिडी पर राशन लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है।

देश में पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम में सुधार लाने के लिये केंद्र सरकार ने सभी सरकारी राशन दुकानों से सब्सिडी पर राशन लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
सरकारी राशन की दुकान से अनाज खरीदने के लिये आधार होगा जरूरी

देश में पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम में सुधार लाने के लिये केंद्र सरकार ने सभी सरकारी राशन दुकानों से सब्सिडी पर राशन लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है।

Advertisment

लेकिन सरकार ने जिन लोगों के पास आधार नहीं है उन्हें आदार कार्ड बनवाने के लिये 30 जून तक का वक्त दिया है।

पिछले ही सप्ताह केंद्र सरकार ने कहा था कि वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के लिए आधार कार्ड को जरूरी बनाने पर विचार कर रही है। हालाकि ये अनिवार्य नहीं होगा। केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से जल्द से जल्द लाभार्थियों के राशन कार्ड्स को आधार से जोड़ने को कहा था।

केंद्र सरकार ने कहा कि कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के मकसद से राज्य सरकारों ने जून तक सभी राशन दुकानों पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराने भी का वादा किया है।

खाद्य सुरक्षा कानून के तहत इस समय देश के करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं या चावल प्रति माह 2 से 3 रुपये तक कीमत में मिलता है। इस स्कीम पर सरकार को सालाना करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

पिछले ही दिनों केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने डिजिटल ट्रांजैक्शंस को बढ़ावा देने के लिए राज्य के खाद्यान्न मंत्रियों और सचिवों का सम्मेलन बुलाया था।

पासवान के मुताबिक, 'देश में 5.27 लाख राशन दुकानों में से 29,000 दुकानें डिजिटल पेमेंट की सुविधा से युक्त हैं। हमें यह बताते हुए खुशी है कि कई राज्यों में मार्च तक सभी राशन दुकानें डिजिटल पेमेंट की सुविधा से लैस होंगी।'

फिलहाल आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली और महाराष्ट्र ने मार्च तक कैशलेस होने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।

Source : News Nation Bureau

Adhaar Card subsidised foodgrains
      
Advertisment