हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के मसले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि नए जजों की नियुक्ति की कोई फाइल अब सरकार के पास लंबित नहीं है। कोलेजियम की 77 सिफारिशों में से 34 जजों की नियुक्तियां कर दी गई हैं 44 सिफारिशों को दोबारा देखने के लिए कोलेजियम को भेजा गया है।
जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और सु्प्रीम कोर्ट में काफी समय से तनातनी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल करते हुए पूछा, 'सुझाए गए नामों से अगर दिक्कत थी, तो सूची वापस भेज देते। 9 महीने तक चुप क्यों बैठे रहे? इसकी जवाबदेही किसकी बनती है?'
गौरतलब है कि कोलेजियम ने फरवरी 2016 में हाई कोर्ट में जजो की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को 77 जजों की लिस्ट सौंपी थी, लेकिन सरकार ने अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं की थी।
क्या होती है कॉलेजियम व्यवस्था
#इस व्यवस्था के तरह देश की अदालतों के जजों की नियुक्ति की जाती है। कॉलेजियम 5 लोगों का एक समूह है। इसमें भारत के चीफ जस्टिस समेत सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जज मेंबर हैं।
#सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति तथा तबादलों का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।हाईकोर्ट के कौन से जज पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे यह फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।
इस व्यवस्था का मूल संविधान और संशोधन में नहीं है।
Source : News Nation Bureau