केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केंद्र सरकार स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिह्नित करने की योजना बना रही है।
जावड़ेकर ने कहा, 'केंद्र और राज्य सरकारों ने 'ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड' लॉन्च किया है, जिससे सितंबर 2018 से स्कूल न जाने वाले बच्चों को चिह्नित किया जाएगा।'
इस मामले में एक सब-कमेटी 31 जनवरी को रिपोर्ट सौंपेगी।
हालांकि पैनल ने सुझाव दिया है कि स्कूल से बाहर होने वाले बच्चों की एक परिभाषा तय करने की आवश्यकता है और राज्यों को इस तरह के बच्चों की पहचान करने के लिए संयुक्त सर्वेक्षण करना चाहिए।
साथ ही प्रकाश जावड़ेकर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा एक राष्ट्रीय मिशन होना चाहिए जो प्रत्येक व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को सशक्त करता है।
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उन्होंने ज़िलास्तरीय एक बैठक में क्लास 3, 5, और 8 के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) के निष्कर्ष पेश किए गए थे। सीएबीई की सब-कमेटी की कई रिपोर्ट्स भी जमा की गईं है।
प्रस्ताव में कमेटी ने सुझाव दिए हैं कि नवोदय विद्यालय की तर्ज पर प्रत्येक ज़िले में रेज़ीडेंशियल, इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने चाहिए।
साथ ही कक्षा बारहवीं तक मिड-डे मील भी मिलना चाहिए, पीजी लेवल तक मुफ्त शिक्षा, रेज़ीडेंशियल डिग्री कॉलेज और प्रत्येक राज्य में महिलाओं के लिए पॉलीटेक्निक और यूनिवर्सिटी खोलने चाहिए।
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Source : News Nation Bureau