केंद्र-दिल्ली सरकार का सुर एक, दोनों ने कहा- चिकनगुनिया नहीं है मौत की वजह
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, चिकनगुनिया के प्रकोप से दुनिया भर में मौत होती हैं।
नई दिल्ली:
राजधानी में एक तरफ चिकनगुनिया से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है तो वहीं दूसरी तरफ केंद्र और दिल्ली की सरकारें अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। दोनों ही सरकारों का कहना है कि चिकनगुनिया से मौत नहीं हो सकती। ऐसे में लोग ये जानना चाहते हैं कि आखिर मरीजों की जान क्यों जा रही है?
दोनों मिनिस्टर ने क्या कहा?
यूनियन हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने बुधवार को कहा कि "चिकनगुनिया की वजह से किसी की मौत नहीं हो रही है।" जबकि, अब तक दिल्ली में चिकनगुनिया से अस्पतालों में 11 मरीज दम तोड़ चुके हैं। वहीं, मंगलवार को दिल्ली हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने भी कहा कि "चिकनगुनिया घातक नहीं है। चिकनगुनिया के कारण कोई मौत नहीं हुई है। हालांकि, मीडिया ये दिखा रहा है कि इस बीमारी की वजह से मरीजों की मौत हो रही है।" सत्येंद्र जैन ने ये बयान तब दिया, जब दो अस्पतालों ने कन्फर्म कर दिया था कि दिल्ली में चिकनगुनिया से 5 लोग जान गंवा चुके हैं। जैन ने मीडिया पर नाराज़गी जाहिर की और गलत खबरें पेश करने का आरोप भी लगाया।
दुनियाभर में है चिकनगुनिया का प्रकोप
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, चिकनगुनिया के प्रकोप से दुनिया भर में मौत होती हैं। साल 2005-2006 में हिंद महासागर में रियूनियन द्वीप के आसपास चिकनगुनिया के 2.6 लाख केस दर्ज हुए थे। वहीं, 254 लोगों की मौत की खबर थी। साल 2015 में कैरेबियन, लैटिन अमेरिका में भी 13.79 लाख केस कन्फर्म हुए थे और चिकनगुनिया से 191 लोगों की मौत हुई थी।
भारत में क्या है हाल?
वहीं, भारत में साल 2006 में चिकनगुनिया के 13.9 लाख केस कन्फर्म हुए थे। 151 राज्य इस बीमारी से प्रभावित थे। हैरानी की बात ये है कि इतनी बड़ी संख्या में चिकनगुनिया के मरीज सामने आने के बावजूद, इस बीमारी से होने वाली मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
सीनियर डॉक्टर का कहना है कि अगर चिकनगुनिया के लक्षण बहुत कम होते हैं या फिर संक्रमण पहचान में नहीं आता है तो केस-मौतों का रिपोर्ट में उल्लेख नहीं करते हैं। आमतौर पर लोग इस बीमारी का टेस्ट नहीं कराते हैं। इस वजह से इसकी रिपोर्ट बनानी मुश्किल हो जाती है।
डेंगू-चिकनगुनिया से बचने के लिए ये करें
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और शरीर को ढककर रखें।
- घर में नियमित रूप से सफाई करें।
- दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, ताकि मच्छर अंदर न आ सकें।
- खाली बर्तनों में पानी इकट्ठा न होने दें।
- घर में तुलसी का पौधा लगाने से भी मच्छर दूर रहते हैं।
- सादा खाना खाएं। ताज़े और मौसमी फलों का सेवन करें।
- नारियल पानी के साथ हर घंटे पानी पिएं।
- खाने में सलाद को शामिल करें।
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