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धूल रोधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते पाए जाने पर सेंट्रल विस्टा परियोजना पर हो सकती है कार्रवाई : गोपाल राय (आईएएनएस विशेष)

धूल रोधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते पाए जाने पर सेंट्रल विस्टा परियोजना पर हो सकती है कार्रवाई : गोपाल राय (आईएएनएस विशेष)

Updated on: 05 Oct 2021, 08:35 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए धूल रोधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते पाए जाने पर सेंट्रल विस्टा और प्रगति मैदान पुनर्विकास जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

सेंट्रल विस्टा और प्रगति मैदान पुनर्विकास जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं अगर शहर में धूल प्रदूषण की बढ़ती समस्या को रोकने को लेकर निर्माण एजेंसियों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए 14-सूत्रीय दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहती हैं, तो उन पर कार्रवाई हो सकती है।

मंगलवार को ग्रीन वॉर रूम का शुभारंभ करने वाले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में यह बात कही।

राय ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को अधिक रहने योग्य बनाने और इसकी हवा को सांस लेने योग्य बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में बात की।

पेश है साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश:

प्रश्न: निर्माण स्थलों से उत्पन्न होने वाली धूल की समस्या को रोकने के लिए दिल्ली सरकार निजी और सरकारी दोनों निर्माण एजेंसियों के लिए 14-सूत्री दिशानिर्देश लेकर आई है। वर्तमान में शहर में दो सबसे बड़ी निर्माण परियोजनाएं चल रही हैं - सेंट्रल विस्टा और प्रगति मैदान पुनर्विकास। उनके बारे में क्या किया जा रहा है?

उत्तर: हाल ही में, हमने निजी और सरकारी दोनों निर्माण एजेंसियों के साथ बैठकें की हैं, जिनकी परियोजनाओं को राजधानी में स्वीकृत किया गया है। हमने 14 सूत्री दिशा-निर्देशों के तहत निर्माण स्थलों पर उठाए जाने वाले कदमों पर विस्तार से चर्चा की है। लिखित में भी उन्हें अवगत करा दिया गया है। इसलिए, इन निर्माण एजेंसियों को चर्चा करने और उस पर अमल करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया था। अब वह समय समाप्त हो जाएगा और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की टीमें दिल्ली में धूल विरोधी अभियान के तहत विभिन्न निर्माण स्थलों का दौरा करेंगी और इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रश्न: दिल्ली सरकार कहती रही है कि राजधानी में प्रदूषण राजधानी के भीतर और बाहर दोनों जगहों से उत्पन्न हो रहा है। आपने हाल के दिनों में केंद्र और अन्य राज्य सरकारों के साथ बैठकें की हैं। पर्यावरण के मुद्दों के संबंध में दिल्ली सरकार की सलाह का अनुपालन न करने के पीछे आपके विचार से क्या कारण है?

उत्तर : देखिए, किसी समाधान तक पहुंचने के लिए इच्छा-शक्ति होनी चाहिए। उदाहरण के लिए, दिल्ली ने पूसा से बने बायो डीकंपोजर में पराली जलाने का समाधान ढूंढ लिया है और हम दिल्ली के केंद्र और पड़ोसी राज्यों से आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों को यह उपलब्ध कराएं। हमने हाल ही में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान सरकारों के साथ बैठक की थी, लेकिन हम उनसे केवल अपील कर सकते हैं। हम उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। केंद्र कार्रवाई कर सकता है और वायु गुणवत्ता आयोग भी कार्रवाई कर सकता है। मेरा मानना है कि इच्छा शक्ति से इन समस्याओं का समाधान आसानी से मिल सकता है।

प्रश्न: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में सत्ता में आने पर आप किस तरह की हरित पहल शुरू करने की योजना बना रही है?

उत्तर: हमारे पास (आप सरकार) दिल्ली के लिए एक विजन है। वही एक पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) पिछले 15 साल से एमसीडी पर राज कर रही है और इन तीन कार्यकालों में वह कुछ खास नहीं कर पाई है। दिल्ली में बदलाव की जरूरत है।

प्रश्न: ग्रीन वॉर रूम क्या है और इस बार ग्रीन दिल्ली ऐप में क्या नया है?

उत्तर: ग्रीन दिल्ली ऐप, जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया था, अब तक केवल एंड्रॉएड फोन में ही इस्तेमाल की जा सकती थी। हालांकि, अब से एप्लिकेशन को आईओएस यूजर्स द्वारा भी इंस्टॉल किया जा सकता है। दिल्ली के लोग इस सर्दी के मौसम में (अक्टूबर से फरवरी तक) ग्रीन दिल्ली ऐप के माध्यम से 10 प्रकार के प्रदूषण के संबंध में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हमारी 21 सदस्यीय टीम इस दौरान सक्रियता से काम करेगी। रूम स्थायी है, जो अपशिष्ट, बायोमास जलने, औद्योगिक प्रदूषण, निर्माण या विध्वंस से संबंधित प्रदूषण, सड़कों पर कचरा, प्रदूषण फैलाने वाले वाहन, ध्वनि प्रदूषण आदि से संबंधित समस्याओं को देखेगा। 2020 से, हमने प्राप्त कुल 27,000 शिकायतों में से 23,000 का समाधान किया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.