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केंद्र ने ममता बनर्जी सरकार से मांगा जवाब, क्यों नहीं सख्त तरीके से पश्चिम बंगाल में पालन किया जा रहा लॉकडाउन

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने देश में कोहराम मचा रखा है. कोरोना वायरस का चेन तोड़ने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है और इसे दो सप्ताह आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है.

Updated on: 11 Apr 2020, 08:04 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने देश में कोहराम मचा रखा है. कोरोना वायरस का चेन तोड़ने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है और इसे दो सप्ताह आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. इस बीच केंद्रीय गृहमंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन का सख्ती से पालन नहीं करने पर आपत्ति जताई है. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में गैरजरूरी सामानों से जुड़ी दुकानों के खुले रहने और धार्मिक जमावड़े की इजाजत देने पर ऐतराज जताया है.

गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को सख्त लहजे में खत लिखकर जवाब मांगा है. खत में गृहमंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में सब्जी, मछली और मांस बाजारों पर किसी तरह का अंकुश नहीं लगाया गया है. इतना ही नहीं इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है.

पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है

इस पत्र में कहा गया है, ‘सुरक्षा एजेंसियों को मिली रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दर्ज की गई है. राज्य सरकार द्वारा जिन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को छूट दी गयी है, उनकी संख्या बढ़ी है.’

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 गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं

इस पत्र के अनुसार गैर-जरूरी चीजों की दुकानें खुलने दी जा रही हैं. मंत्रालय ने कहा कि कोलकाता में राजबाजार, नारकेल डांगा, टोपसिया, मेतियाबुर्ज,गार्डेनरीच, इकबालपुर और मुनिकटला जैसे स्थानों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में कोई नियंत्रण नहीं है और वहां लोग आपस में दूरी बना कर रखने के नियमों को धत्ता बताते हुए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

पुलिस धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत देती रही है

महत्वपूर्ण बात यह है कि नारकेल डांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 (COVID-19) जैसे मामले कथित तौर पर अधिक नजर आये हैं. पत्र में कहा गया है, ‘यह भी सामने आया है कि पुलिस धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत देती रही है. मुफ्त राशन संस्थागत आपूर्ति प्रणाली के माध्यम से नहीं बांटे जा रहे, बल्कि नेताओं द्वारा बांटे जा रहे. हो सकता है कि इसकी वजह से कोविड-19 संक्रमण बढ़ा हो.’

मंत्रालय ने कहा कि ऐसी गतिविधियां केंद्र सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत समय-समय पर जारी किये गये आदेशों के विरूद्ध हैं और ये इस कानून के तहत कार्रवाई किये जाने लायक हैं.

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मंत्रालय ने ममता बनर्जी सरकार से तुरंत जवाब मांगा है

पत्र में कहा गया है, ‘ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और मंत्रालय को इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट दी जाए. यह अनुरोध भी किया जाता है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों की पुनरावृति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाये जाएं.'

(इनपुट भाषा)