पैन कार्ड और आईटी रिटर्न के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा।
अटॉर्नी जनरल के मुताबिक आधार की गोपनियता को लेकर कोर्ट की चिंताएं बेकार है। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि इससे टैक्स चोरी रुकेगी और ईमानदार लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने सरकार की तरफ से दलील रखते हुए कहा कि निजी जानकारी बचाना सरकार की जिम्मेदारी है।
अब इस मामले में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
रोहतगी ने कहा, 'आप क्या चाहते हैं ? एक वैक्यूम(खालीपन)? ऐसा नहीं हो सकता। एक व्यक्ति का राज्य के साथ सोशल कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसके तहत कोई भी ये नहीं कह सकता है कि वो निर्धारित नहीं होना चाहता। याचिकाकर्ता ये नहीं कह सकते कि वो ऐसे काल्पनिक प्रदेश में रहें जहां कोई स्टेट अथॉरिटी ही न हो।'
ये भी पढ़ें- कांग्रेस की मांग, पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट दे मोदी सरकार
उन्होंने कहा, 'आधार बहुत जरूरी था वो भी तब, जब देश तकनीकी विकास की ओर बढ़ रहा है।'
इससे पहले 27 अप्रैल को हुई बहस में याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान ने कहा कि आधार कार्ड को अनिवार्य करना असंवैधानिक है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था, ‘आधार कार्ड को आप अनिवार्य कैसे बना सकते हैं जब इसे विकल्प बनाने का आदेश जारी कर चुके हैं।'
बता दें कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए वित्त विधेयक 2017 में संशोधन किया और टैक्स फाइल करने के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया था।
आईपीएल से जुड़ी सभी ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें
Source : News Nation Bureau