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धरने पर बैठी ममता बनर्जी (फोटो-IANS)
सीबीआई विवाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यंत्री ममता बनर्जी के साथ धरने में शामिल पुलिस अधिकारियों पर गाज गिरी है. गृह मंत्रालय ने धरने में शामिल हुए पांच पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा है. गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, धरने में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों से चार फरवरी को जानकारी भी मांगी गई है. केंद्र सरकार इन अधिकारियों के नाम सूची से हटा सकती है. इसके साथ ही इन पांचों आईपीएस अधिकारियों पर केंद्र सरकार में सेवा देने पर भी रोक लग सकती है. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर डीजीपी वीरेंद्र (1985 IPS बैच), एडीजी विनीत कुमार (1994 IPS बैच), एडीजी अनुज शर्मा (1991 IPS बैच) बिधाननगर के कमिश्नर ज्ञानवंत सिंह (1993 IPS बैच), एडिशनल कमिश्नर सुप्रतिम सरकार (1997 IPS बैच) के खिलाफ करवाई करने के लिए कहा है. केंद्र सरकार इन पांचों आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक, इन अधिकारियों के मेडल और सम्मान वापस लिए जा सकते हैं. इन अधिकारियों का नाम इंपैनल्ड लिस्ट से हटाने की तैयारी चल रही है.
MHA Sources: Centre has taken a dim view of serving officers of uniformed forces taking part in dharna. MHA has asked the WB government to take action against the officers who had participated in dharna in Kolkata on 4th February as per All India Services (Conduct) Rules. pic.twitter.com/t9oUaiwOH0
— ANI (@ANI) February 7, 2019
सूत्र ने कहा था कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के लिए एक पत्र लिखा गया है. यह कार्रवाई 'अनुशासनहीनता और अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968/एआईएस(अनुशासन और अपील), नियम 1969' के तहत करने के लिए कही गई है. गृह मंत्रालय के सूत्र ने मंगलवार को कहा था कि कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को केंद्र के साथ नई समस्याओं का सामना करना होगा. केंद्र ने पश्चिम बंगाल सरकार से उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू करने को कहा था.
कुछ दिन पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से कोलकाता पुलिस और सीबीआई के बीच टकराव पर चर्चा की थी. इस मुद्दे पर बंगाल के राज्यपाल ने केंद्र को रिपोर्ट सौंपी थी.
पिछले रविवार को सीबीआई की टीम चिट फंड मामले में पूछताछ करने पहुंची थी. इस दौरान सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस हिरासत में लेकर जबरन थाने में ले गयी. इस पूरे हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के बचाव में उतरीं और धरने पर बैठने का ऐलान किया. ममता ने पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पोंजी योजना घोटाले की जांच के सिलसिले में पूछताछ की सीबीआई की कोशिश के खिलाफ रविवार शाम धरना शुरू किया था.
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उन्होंने पुलिस आयुक्त के कार्यालय में सीबीआई अधिकारियों के जबरन घुसने के प्रयास की घटना को संघीय ढांचे पर केंद्र सरकार का प्रहार करार दिया. ममता बनर्जी मेट्रो चैनल में धरने पर बैठीं और पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार भी शामिल हुए. यह टकराव तब शुरू हुआ, जब सीबीआई कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के आवास के पास पहुंची. कुमार चिट फंड घोटाला मामले में पहले से ही एजेंसी की नजर में हैं. ममता ने 'संविधान बचाओ' धरने को विपक्ष का समर्थन मिला था. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने सीबीआई विवाद पर केंद्र पर हमला बोला था.
Source : News Nation Bureau