निर्भया केस में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

केंद्र सरकार ने दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर कर सभी दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की पैरवी की थी.

केंद्र सरकार ने दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर कर सभी दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की पैरवी की थी.

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Ravindra Singh
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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)

निर्भया केस के मामले में केंद्र सरकार दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. इसके पहले बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी देने के लिए दी गई केंद्र सरकार की याचिका को रद्द कर दिया था. जिसके बाद केंद्र सरकार दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची है. आपको बता दें कि दिल्‍ली हाई कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसले में केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दी थी, जिसमें सरकार ने निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी की सजा देने की मांग की थी. केंद्र सरकार ने दिल्‍ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में याचिका दायर कर सभी दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की पैरवी की थी.

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केंद्र का कहना था कि जिन दोषियों की दया याचिका (Mercy Petition) राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं, उन्हें फांसी पर लटकाया जाना चाहिए. दोषी खुद को बचाने के लिए अलग-अलग दया याचिका राष्ट्रपति के पास दायर कर रहे हैं. लीगल रेमिडीस के नाम पर दोषी खुद को बचा रहे हैं और इससे पीड़ित परिवार को न्‍याय मिलने में देरी हो रही है. यह दोषियों की डिले टैक्टिक्स है.

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दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दोषियों को एक सप्ताह में सभी कानूनी विकल्प लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा, हाईकोर्ट की याचिका का हाईकोर्ट में ही निपटारा किया जाए. कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया है कि निर्भया के दोषियों को जल्द ही फांसी मिल सकेगी. कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए सभी दोषियों को एक साथ फांसी दिए जाने को सही माना.

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सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्‍ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि दोषी सजा के अमल में विलंब करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं. दूसरी ओर, दोषियों के वकील एपी सिंह और दोषी मुकेश की वकील रेबेका जॉन ने केंद्र सरकार की याचिका पर ऐतराज जताते हुए कहा था- दोषी मुकेश की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने देरी के आधार पर नहीं बल्कि मेरिट के आधार पर खारिज की है. निर्भया की मां ने भी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच के सामने मेंशनिंग कर फैसला जल्द सुनाए जाने की मांग की थी.

Supreme Court central government Delhi High Court Nirbhaya Case
      
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