सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक-एक अधिकारी समेत दो शीर्ष अधिकारी पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच की प्रगति की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंच गए हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अतिरिक्त निदेशक अजय भटनागर जहां गुरुवार देर शाम पहुंचे, वहीं ईडी के निदेशक संजय मिश्रा शुक्रवार सुबह कोलकाता पहुंचे।
भटनागर और मिश्रा दोनों के अपनी संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों के साथ जांच की प्रगति के संबंध में बैठक करने की उम्मीद है।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में गिरफ्तार बिचौलियों द्वारा घोटाले में प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता के संबंध में दिए गए बयानों और कबूलनामों की भटानगर द्वारा समीक्षा किए जाने की उम्मीद है।
इसी तरह, मनी ट्रेल पर नजर रखने में ईडी के अधिकारियों की प्रगति का मिश्रा आकलन कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि दोनों एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के लिए एक संयुक्त समीक्षा बैठक की संभावना है।
दो प्रमुख केंद्रीय जांच एजेंसियों के दो शीर्ष अधिकारियों का आगमन ऐसे समय में हुआ है जब विभिन्न अदालतों ने जांच की धीमी गति को लेकर प्रतिकूल टिप्पणियां की हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट सहित विभिन्न अदालतों के न्यायाधीशों ने देखा है कि यह सही समय था कि केंद्रीय एजेंसियां, विशेष रूप से सीबीआई, बिचौलियों और उप-एजेंटों को गिरफ्तार करने और पूछताछ करने में आगे बढ़े।
ताजा टिप्पणी कोलकाता में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश अर्पण चट्टोपाध्याय की ओर से आई, जिन्होंने घोटाले में ऐसे तीन बिचौलियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए महान भारतीय पथप्रदर्शक रामकृष्ण परमहंस का संदर्भ दिया।
न्यायाधीश ने कहा था, क्या आप जानते हैं कि रामकृष्ण परमहंस ने गुरु की परिभाषा के बारे में क्या कहा। उन्होंने कहा कि गुरु अपने अनुयायियों के लिए भगवान हैं। तीनों आरोपियों का गुरु कौन है? इसे खोजो और चेन को पूरा करो।
कांग्रेस और सीपीआई (एम) जैसे विपक्षी दलों ने भी जांच की धीमी प्रगति का उपहास किया है और इसे भाजपा और सत्तारूढ़ अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के बीच मिलीभगत का परिणाम बताया है।
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Source : IANS