केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और इलाहाबाद बैंक में ऋण सुविधाओं और सावधि ऋण में धोखाधड़ी करने के आरोप में निजी फर्मों सहित सात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सीबीआई ने वर्ष 2013 के दौरान बैंकों से 73 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
आरोपियों की पहचान एसआर अल्कोबेव प्राइवेट लिमिटेड, न्यू इंडस्ट्रियल एस्टेट, जगतपुर, कटक, इसके प्रबंध निदेशक रंजन कुमार पाधी और निदेशक साइना; नैना देवी सप्लायर्स प्रा. लिमिटेड, सैनगौ स्ट्रीट, कोलकाता, पश्चिम बंगाल (कॉर्पोरेट गारंटर), चंद्रघंटा आयरन एंड स्टील ट्रेडर्स प्रा. लिमिटेड, श्याम बाजार स्ट्रीट, कोलकाता, पश्चिम बंगाल (कॉर्पोरेट गारंटर), ब्रूफोर्स टेक्नोलॉजीज, ईस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली या देहरादून, उत्तराखंड (आपूर्तिकर्ता) और कटक निवासी सुकांत कुमार लेंका नामक एक सिविल ठेकेदार के रूप में हुई है।
सीबीआई के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक के अज्ञात लोक सेवकों सहित अन्य लोगों की भी इस मामले में संलिप्तता है।
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, आरोपी ने 2013 में पंजाब नेशनल बैंक, मुख्य शाखा, बक्सी बाजार, कटक और इलाहाबाद बैंक, भुवनेश्वर शाखा में लगभग 73 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाओं या सावधि ऋण (पीएनबी से 40 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक से 33 करोड़ रुपये) के बहाने धोखाधड़ी की।
ज्ञात हो कि इंडियन बैंक को पूर्व में इलाहाबाद बैंक के नाम से जाना जाता था, जिसके साथ 33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का दावा किया गया है।
ऋण की राशि के वितरण के बाद, उधारकर्ताओं और गारंटरों ने कथित तौर पर मंजूरी के नियमों और शर्तों का उल्लंघन किया और उन्होंने न तो मशीनरी की खरीद की और न ही किश्तों को समय पर जमा किया और खाता एक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) में बदल गया।
यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रमोटरों, निदेशकों, गारंटरों और आपूर्तिकर्ताओं सहित, आरोपियों ने बैंकों को लगभग 140.48 करोड़ रुपये (30 सितंबर, 2021 को मूल राशि और ब्याज) की धोखाधड़ी करने के पीछे के मकसद से ऋण राशि का दुरुपयोग किया और उसे डायवर्ट किया।
सीबीआई ने कटक (ओडिशा) और देहरादून (उत्तराखंड) स्थित आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली।
एजेंसी ने कहा, आगे की जांच जारी है।
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Source : IANS