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देश में वैक्सीन की बर्बादी पर आमने-सामने आए केंद्र और राज्य सरकारें

सुप्रीम कोर्ट भी सरकार की वैक्सीनेशन की नीति पर सवाल उठाता है. जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार टीकाकरण को लेकर गुत्थमगुत्थी कर रही हैं वहीं बेचारा आम आदमी टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्र की कतार में खड़ा है.

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Ravindra Singh
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सांकेतिक चित्र( Photo Credit : फाइल )

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कोरोना संक्रमण महामारी से जूझ रहे भारत को अभी कितने खुराक वैक्सीन की जरूरत है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सका है. पूरा देश टीकाकरण की गणित में उलझा हुआ है. केंद्र सरकार वैक्सीन की कमी को लेकर खुलकर नहीं बोल रही है जबकि राज्य वैक्सीन की कमी का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट भी सरकार की वैक्सीनेशन की नीति पर सवाल उठाता है. जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार टीकाकरण को लेकर गुत्थमगुत्थी कर रही हैं वहीं बेचारा आम आदमी टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्र की कतार में खड़ा है. थोड़े ही दिनों में देश की मीडिया दिखाती है कि वैक्सीन कूड़े में फेंकी गई हैं तो कहीं पर जमीन में दबा दी गई हैं. वैक्सीन की इस बर्बादी पर मीडिया भी सरकार से सवाल पूछता है कि ये लापरवाही है या जानबूझकर किया जा रहा है.  

राजस्थान में कूड़ेदान में मिली थी वैक्सीन जिसके बाद राज्य सरकार ने मीडिया को आंखे दिखायी और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने एक के बाद एक करके कई ट्वीट किए जिसमें अखबार की खबर को पूरी तरह से भ्रामक बताया. आपको बता दें कि राजस्थान में 35 वैक्सीनेशन केंद्रों पर 500 वैक्सीन कूड़ेदान में पाई गईं थी.

पूरे देश में कोरोना वैक्सीन की की कमी है अब इस कमी का ठीकरा केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे के ऊपर फोड़ रही हैं. केंद्र सरकार आंकड़ों की मदद से देश की जनता को ये समझाने की कोशिश भी कर रही है कि वैक्सीन की कमी नहीं है लेकिन वैक्सीन की किल्लत के बीच वैक्सीन की बड़े पैमाने पर बर्बाद होने की खबरें भी आईं जिसके बाद माहौल ज्यादा गर्म हुआ. झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी वैक्सीन की बर्बादी की खबरें आईं इन दोनों राज्यों में तो लगभग एक तिहाई वैक्सीन बर्बाद हो गई थी.

केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन की बर्बादी को लेकर जो आंकड़े जारी किये हैं, उन्हें देखकर आप चौंक जाएंगे. इस लिस्ट में झारखंड सबसे ऊपर है झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सबसे ज्यादा 37.3 फीसदी वैक्सीन की बर्बादी की है. वहीं अगर बात छत्तीसगढ़ की करें तो भूपेश बघेल सरकार को जितनी वैक्सीन केंद्र से सप्लाई की गई थी उसका 30.2 फीसदी हिस्सा बर्बाद हो गया था. वहीं तमिलनाडु में 15.5 प्रतिशत वैक्सीन की बर्बादी हुई है.

25  मई को केंद्र सरकार के आंकड़े मुताबिक़ - वैक्सीन की बर्बादी
पूरे देश में वैक्सीन की बर्बादी का औसत (6.3%)
झारखंड में वैक्सीन की बर्बाद का औसत (37.3%)
छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की बर्बाद का औसत (30.2%)
तमिलनाडु में वैक्सीन की बर्बाद का औसत (15.5%)
राजस्थान में वैक्सीन की बर्बाद का औसत (11%)
जम्मू-कश्मीर में वैक्सीन की बर्बाद का औसत (10.8%)
मध्य प्रदेश में वैक्सीन की बर्बाद का औसत (10.7%)

Source : News Nation Bureau

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