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एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना: सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने दिल्ली सरकार पर लगाए ये आरोप

केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Scheme) को लेकर जवाब दाखिल किया.

Updated on: 14 Jun 2021, 10:54 PM

highlights

  • एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना: आमने-सामने केंद्र व दिल्ली सरकार
  • केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में  योजना को लेकर जवाब दाखिल किया
  • दिसंबर 2020 तक 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में यह योजना लागू

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना (One Nation One Ration Card Scheme) को लेकर जवाब दाखिल किया. केंद्र ने अपने जवाब में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के अनुपालन को लेकर दिल्ली सरकार गुमराह कर रही है. आपको बता दें एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना को लेकर केंद्र व दिल्ली सरकार में टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्र ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार ने कोर्ट में योजना को लागू करने का दावा किया है, जो गुमराह करने वाला है. केंद्र ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने केवल सीमापुरी क्षेत्र में ही इस योजना को लागू किया है. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के वकील ने 11 जून को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि दिल्ली में  एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना को लागू कर दिया गया है.

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केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार पर लगाए ये आरोप

सभी क्षेत्रों की सभी फेयर प्राइस शॉप या उचित मूल्य की दुकानों पर राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन को औपचारिक रूप से शुरू नहीं किया जाता तब तक  इसको एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना के कार्यान्वयन के तौर पर नहीं देखा जा सकता. केंद्र ने कहा कि दो हजार से अधिक ईपीओएस मशीनों की सप्लाई भी कराई जा सकी है, बावजूद इसके उनको अब तक ऑपरेशनल नहीं किया गया है, ऐसे में यह कैसे माना जा सकता है कि दिल्ली एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना लागू हो चुकी है.

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दिल्ली में प्रवासी मजदूरों को उठाना पड़ रहा खामियाजा

केंद्र सरकार ने कहा कि योजना लागू न होने का खामियाजा दिल्ली में भारी तदाद में रह रहे प्रवासी मजदूरों को उठाना पड़ रहा है. ऐसे लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सस्ती दर वाले अनाज की पहुंच से दूर बने हुए हैं. वहीं, केंद्र ने आगे कहा कि देशभर में दिसंबर 2020 तक 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में यह योजना लागू हो चुकी है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले 85 प्रतिशत लाभार्थी को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है.