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टीकों की कमी पर केंद्र का जवाब, राज्यों के पास अब भी वैक्सीन की 1.84 करोड़ डोज मौजूद

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत, केंद्र मुफ्त में टीके उपलब्ध कराकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता दे रहा है.

Updated on: 28 May 2021, 05:09 PM

highlights

  • केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा टीकों की सीधी खरीद को भी सुविधाजनक बना रही है
  • सभी के लिए कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत एक मई को हुई थी

नई दिल्ली:

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास लगाने के लिए अब भी कोविड टीके की कुल 1,84,92,677 खुराकें उपलब्ध हैं. साथ ही कहा कि 3,20,380 खुराकें और भेजने की तैयारी है जो उन्हें अगले तीन दिन के भीतर प्राप्त हो जाएंगी. राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत, केंद्र मुफ्त में टीके उपलब्ध कराकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता दे रहा है. इसके अलावा, केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा टीकों की सीधी खरीद को भी सुविधाजनक बना रही है. टीकाकरण वैश्विक महामारी की रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए भारत सरकार की व्यापक रणनीति का अभिन्न स्तंभ है. इस रणनीति में जांच, संक्रमितों के संपर्कों की पहचान, उपचार और कोविड-19 उपर्युक्त व्यवहार भी शामिल है. सभी के लिए कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत एक मई को हुई थी.

बता दें कि कई राज्यों में कोरोना के टीकों की कमी के कारण टीकाकरण रोक दिया गया है. इस मसले पर केंद्र और राज्य सरकारों में ठनी हुई है. केंद्र सरकार ने नि:शुल्क माध्यमों और सीधी खरीद के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक 22.46 करोड़ से अधिक खुराकें उपलब्ध कराई हैं. शुक्रवार को सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, बर्बाद हुई खुराकें मिलाकर अब तक कुल खपत 20,48,04,853 खुराकों की हुई है. तीसरे चरण की रणनीति के तहत, हर महीने भारत सरकार किसी भी टीका निर्माता की केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा मंजूरी प्राप्त टीकों की 50 प्रतिशत खुराकों की खरीद करेगी. मंत्रालय ने कहा कि सरकार राज्यों को पहले की ही तरह टीके नि:शुल्क उपलब्ध कराना जारी रखेगी.

देश के कई राज्य कोरोना वायरस टीकों की कमी की लगातार शिकायत कर रहे हैं. हालांकि इसमें कुछ राजनीति भी है. फिर भी कई राज्यों ने टीकों की कमी होने की वजह से टीकाकरण अभियान को रोक दिया है. इनमें भी महाराष्ट्र और दिल्ली प्रमुख हैं. ये राज्य लगातार केंद्र सरकार से ग्लोबल टेंडर के जरिये वैक्सीन खरीदने की बात कर रहे हैं. ऐसे में कुछ राज्य ऐसे हैं जहां टीके की बर्बादी अभी भी जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नए आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 वैक्सीन की बर्बादी के मामले में झारखंड, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु शीर्ष पर हैं. इन राज्यों में टीके की बर्बादी राष्ट्रीय औसत से भी कहीं ज्यादा है.