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केंद्र ने हिजबुल प्रमुख सलाहुद्दीन समेत 18 को UAPA के तहत घोषित किया आतंकवादी 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को संशोधित गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 2019 के तहत 18 लोगों को आतंकवादी घोषित किया.

Updated on: 04 Oct 2022, 06:40 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को संशोधित गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 2019 के तहत 18 लोगों को आतंकवादी घोषित किया. इनमें हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर सैयद सलाहुद्दीन, इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक रियाज और इकबाल भटकल और गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के करीबी छोटा शकील शामिल हैं. केंद्र ने संशोधित आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत सितंबर 2019 में चार व्यक्तियों और जुलाई 2020 में नौ व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया था. इस संबंध में गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने मीडिया से बताया कि 1999 में इंडियन एयरलाइंस के एक विमान के अपहर्ताओं अब्दुल रऊफ असगर, इब्राहिम अतहर और युसूफ अजहर का भी नाम सूची में है। केंद्र ने संशोधित आतंकवाद विरोधी कानून के तहत सितंबर 2019 में चार व्यक्तियों और जुलाई 2020 में नौ व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित किया था। नए अतिरिक्त के साथ, 31 लोगों को आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है.

गौरतलब है कि यूएपीए में संशोधन से पहले केवल संगठनों को ही आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया जा सकता था, लेकिन अगस्त 2019 में संसद द्वारा पारित नए कानून के तहत अब जो व्यक्ति आतंकवाद के कृत्यों में भाग लेते हैं, उसकी तैयारी करते हैं, या ऐसे कृत्यों को बढ़ावा देते हैं या प्रोत्साहित करते हैं, उन्हें आतंकवादी के रूप में नामित करने का प्रावधान किया गया है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत और दृढ़ इच्छाशक्ति वाले नेतृत्व में केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 में संशोधन किया था, जिसमें किसी व्यक्ति को आतंकवादी के रूप में नामित करने का प्रावधान को जोड़ा गया था.

इन्हें भी घोषित किया गया आतंकवादी
साजिद मीर: पाकिस्तान स्थित शीर्ष लश्कर-ए-तैयबा कमांडर जो 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मुख्य योजनाकारों में से एक था.

युसूफ मुजम्मिल: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर, जो 26/11 के मुंबई आतंकी हमले का भी आरोपी है.

अब्दुर रहमान मक्की: लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के बहनोई, आतंकी समूह के राजनीतिक मामलों और विदेश संबंध विभाग के प्रमुख हैं.

शाहिद महमूद: प्रतिबंधित संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के पाकिस्तान स्थित उप प्रमुख है. गौरतलब है कि फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को लश्कर-ए-तैयबा के लिए एक सहयोगी संगठम माना जाता है. 

फरहतुल्ला गोरी: पाकिस्तान स्थित आतंकवादी जो अक्षरधाम मंदिर (2002) पर हमले और हैदराबाद (2005) में टास्क फोर्स कार्यालय पर आत्मघाती हमले में शामिल था.

अब्दुल रऊफ असगर : इस पर पाकिस्तान में आतंकियों की भर्ती के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाने में शामिल होने का आरोप है. उसे दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले का एक प्रमुख साजिशकर्ता भी माना जाता है.

इब्राहिम अतहर: इस पर आरोप है कि वह 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण और संसद हमले के मामले में एक साजिशकर्ता में शामिल था.

युसूफ अजहर : इस पर पाकिस्तान स्थित आतंकवादी को फ्लाइट आईसी-814 के अपहरण में शामिल होने की तैयार करने का आरोप है.

शाहिद लतीफ: सियालकोट सेक्टर में जैश-ए-मोहम्मद कमांडर, जो भारत में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को लॉन्च करने में सक्रिय रूप से शामिल होने और भारत में आतंकी हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है.

गुलाम नबी खान: पाकिस्तान स्थित हिजबुल मुजाहिदीन का डिप्टी सुप्रीम कमांडर है.

जफर हुसैन भट्ट: पाकिस्तान स्थित एक व्यक्ति, जो हिजबुल मुजाहिदीन के वित्तीय मामलों को देखता है.