केंद्र ने राजीव गांधी फाउंडेशन का FCRA लाइसेंस रद्द किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार से जुड़े एक गैर-सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है. सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले इस फाउंडेशन को अब विदेशी फंड लेने की अनुमति नहीं होगी. सूत्रों के मुताबिक राजीव गांधी फाउंडेशन का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस विदेशी फंडिंग नियमों के उलंघन के चलते रद्द किया गया है. गृह मंत्रालय ने इसकी जांच के लिए साल 2020 में एक कमिटी भी गठित की थी. ये निर्णय उसी जांच कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार से जुड़े एक गैर-सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है. सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले इस फाउंडेशन को अब विदेशी फंड लेने की अनुमति नहीं होगी. सूत्रों के मुताबिक राजीव गांधी फाउंडेशन का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस विदेशी फंडिंग नियमों के उलंघन के चलते रद्द किया गया है. गृह मंत्रालय ने इसकी जांच के लिए साल 2020 में एक कमिटी भी गठित की थी. ये निर्णय उसी जांच कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है.

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार से जुड़े एक गैर-सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है. सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले इस फाउंडेशन को अब विदेशी फंड लेने की अनुमति नहीं होगी. सूत्रों के मुताबिक राजीव गांधी फाउंडेशन का विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस विदेशी फंडिंग नियमों के उलंघन के चलते रद्द किया गया है. गृह मंत्रालय ने इसकी जांच के लिए साल 2020 में एक कमिटी भी गठित की थी. ये निर्णय उसी जांच कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है.

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बता दें कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं, जबकि अन्य ट्रस्टियों में पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक राजीव गांधी फाउंडेशन जुलाई 2020 में जांच के दायरे में आया था. तब गृह मंत्रालय ने गांधी परिवार से जुड़े राजीव गांधी फाउंडेशन सहित अन्य एनजीओ की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया था. इनके ऊपर एफसीआरए के संदिग्ध उलंघन सहित आयकर रिटर्न्‍स में हेरफेर के आरोप थे.

गौरतलब है कि राजीव गांधी फाउंडेशन 1991 में बनाया गया था. इस फाउंडेशन ने कई साल तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं, बच्चों और शिक्षा सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया. वहीं साल 2020 में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी आरोप लगाया था कि फाउंडेशन ने चीन से ऐसा फंड लिया है, जो देश हित में नहीं है.

Source : IANS

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