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सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए कॉलेजियम के नामों को केंद्र की मंजूरी, 3 महिला जज शामिल

कॉलेजियम की ओर से केंद्र को जो नाम भेजे गए हैं उनमें जस्टिस जस्टिस बेला त्रिवेदी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बी वी नागरत्ना का नाम शामिल है.

Updated on: 26 Aug 2021, 08:54 AM

highlights

  • कॉलेजियम ने की तीन महिलाओं को जज बनाने की सिफारिश 
  • कॉलेजियम ने 9 जजों की नियुक्ति के लिए भेजे थे नाम
  • सुप्रीम कोर्ट में जजों के 9 पद खाली होने के बाद भेज गए नाम

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की तरफ से भेजे गए सभी 9 नामों को केंद्र ने मंजूर कर लिया है. इनमें तीन महिला जजों के नाम भी शामिल हैं. कॉलेजियम की ओर से केंद्र को जो नाम भेजे गए हैं उनमें जस्टिस जस्टिस बेला त्रिवेदी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बी वी नागरत्ना के अलावा जस्टिस ए एस ओका, विक्रम नाथ, जे के माहेश्वरी, सी टी रविंद्रकुमार, एम एम सुंदरेश और वरिष्ठ वकील पी एस नरसिम्हा के नाम शामिल है. सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त के लिए कॉलेजियम की ओर से ही नामों की सिफारिश की जाती हैं. इन नामों पर केंद्र अंतिम फैसला लेता है.

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17 अगस्त को हुई कॉलेजियम की बैठक के बाद जिन  9 जजों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्र को भेजी गई है. इनमें 3 महिला जज हैं. साथ ही एक वरिष्ठ वकील की सीधे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है. कॉलेजियम की ओर से जिन नामों की सिफारिश की गई है, उनमें कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एएस ओका, गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विक्रम नाथ, सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जेके माहेश्वरी, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सीटी रवींद्र कुमार और केरल हाईकोर्ट के जज जस्टिस एमएम सुंदरेश शामिल हैं. वहीं, कॉलेजियम ने जिन तीन महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की है, उनमें तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली, गुजरात हाईकोर्ट की जज जस्टिस बेला त्रिवेदी और कर्नाटक हाईकोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना हैं. जस्टिस नागरत्ना के नाम पर केंद्र सरकार की मुहर लगने के बाद वह 2027 में देश की पहली महिला चीफ जस्टिस बन सकती हैं.  

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सुप्रीम कोर्ट में आखिरी बार सितंबर 2019 में जजों की नियुक्ति हुई थी. उसके बाद से यहां जज रिटायर होते जा रहे थे, लेकिन नियुक्ति नहीं हो रही थी. पिछले हफ्ते ही जस्टिस आरएफ नरीमन के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों के 9 पद खाली थे.  उनके रिटायर होने के बाद जस्टिस एलएन राव कॉलेजियम में शामिल हो गए थे. सूत्रों के मुताबिक, कॉलेजियम सदस्यों के बीच वैचारिक मतभेद होने की वजह से नामों पर सहमति नहीं बन पा रही थी, जिस वजह से नियुक्तियां अटकी हुई थीं. बुधवार को जस्टिस नवीन सिन्हा भी रिटायर हो गये हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में खाली पड़े जजों के पदों की संख्या 10 हो जाएगी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जजों की तय संख्या चीफ जस्टिस समेत 34 है. अब जस्टिस नवीन सिन्हा के रिटायरमेंट के बाद जजों की संख्या 24 रह जाएगी.