पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा जम्मू और सांबा जिलों में नागरिक इलाकों में की जा रही अंधाधुंध गोलाबारी के कारण सीमा से सटे गांव के निवासियों में भय का वातावरण बना रहा। पुलिस ने कहा कि मंगलवार को आर.एस. पुरा और अरनिया सेक्टरों में गोलाबारी में कम से कम 13 नागरिक घायल हो गए हैं।
आरएस पुरा, अरनिया, बिशनाह और रामगढ़ इलाकों में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे गांवों में अफरा-तफरी की स्थिति रही और ग्रामीणों को महिलाओं और बच्चों के साथ इन स्थानों से पलायन करते देखा गया।
यहां से प्राप्त रपटों में कहा गया है कि लगभग दो हजार ग्रामीणों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और अपने परिवारों के साथ सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
जिन्होंने अपने घर और खेत न छोड़ने का निर्णय लिया, वे अपने घरों के अंदर बने रहे, क्योंकि जिला प्रशासन ने उन्हें सलाह दी है कि जबतक बहुत जरूरी न होने या कोई आपात स्थिति न हो, तब तक घरों से बाहर न निकलें।
आवासीय घरों की दीवारों में गोलियों से हुए छेद और खेतों में बिखरे पड़े गोले सीमापार से हो रही गोलाबारी से तबाही की गवाही देते हैं। यदि यह स्थिति अगले एक सप्ताह तक बनी रही तो इलाके में कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसलें बर्बाद हो जाएंगी।
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आरएस पुरा इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा दागे गए गोले सीमा से चार किलोमीटर अंदर तक गिर रहे हैं, जिसके कारण जान-माल के लिए खतरा पैदा हो गया है।
सांबा के जिला मजिस्ट्रेट, राजिंदर सिंह ने मीडिया से कहा कि सीमांत निवासियों को अन्यत्र ले जाने के लिए सभी आवश्यक बंदोबस्त कर लिए गए हैं, और यदि मौजूदा स्थिति बनी रही तो नागरिकों को खाली कराने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
राज्य के शिक्षामंत्री जुल्फिकार चौधरी ने कहा है कि सीमा पर तनाव के कारण सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों की पढ़ाई का हो रहा है। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित बच्चों के लिए विशेष स्कूल का बंदोबस्त करने पर विचार कर रही है।
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Source : IANS