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CDS रावत के हेलीकॉप्टर हादसे का 2 हफ्ते में हो सकता है खुलासा

हादसे के अगले ही दिन जांच टीमों ने अपना काम शुरू कर दिया था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गवाहों से पूछताछ में कुछ लोगों ने घटनाओं का लेखा-जोखा बदल दिया है.

Updated on: 17 Dec 2021, 01:49 PM

highlights

  • बेस्ट पायलट एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह कर रहे हैं जांच
  • चॉपर हादसे के वक्त मौजूद गवाहों से ही रही है पूछताछ
  • ब्लैक बॉक्स और वीडियो से भी सुराग मिलने की उम्मीद

नई दिल्ली:

विगत 8 दिसंबर को कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए सीडीएस जनरल बिपिन रावत के चॉपर क्रैश की जांच अगले एक पखवाड़े में पूरी हो सकती है. इस हादसे में मारे गए 14 लोगों की मौत के कारणों की जांच के लिए रक्षा मंत्रालय ने त्रिकोणीय सेवाओं की जांच बैठाई है. चॉपर क्रैश की जांच का नेतृत्व भारतीय वायु सेना के एक अधिकारी और देश के सर्वश्रेष्ठ हेलीकॉप्टर पायलट एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह और भारतीय सेना और नौसेना के एक-एक ब्रिगेडियर-रैंक के अधिकारी कर रहे हैं. दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स भी फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा चुका है. साथ ही हादसे से ठीक पहले सामने आए वीडियो की भी जांच की जा रही है.

कुछ गवाहों ने बदली हादसे की जानकारी
एएनआई समाचार एजेंसी के मुताबिक जांच दल गवाहों के बयान दर्ज कर रहा है. इन गवाहों में तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में दुर्घटनास्थल के पास घटनास्थल पर मौजूद लोगों समेत हादसे से ठीक पहले वीडियो बनाने वाला शख्स भी शामिल है. टीम के अगले दो सप्ताह में अपनी कार्यवाही पूरी करने की उम्मीद है. गौरतलब है कि हादसे के अगले ही दिन जांच टीमों ने अपना काम शुरू कर दिया था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गवाहों से पूछताछ में कुछ लोगों ने घटनाओं का लेखा-जोखा बदल दिया है.

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रक्षा मंत्री खुद रख रहे जांच पर पैनी नजर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद निजी रूप से इस जांच प्रक्रिया पर नजर रखे हुए हैं. उन्हें संबंधित अधिकारी नियमित रूप से अपडेट भी कर रहे हैं. भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी कार्यवाही की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. सेना मुख्यालय को जांच के नतीजे का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि बल ने अपने सबसे वरिष्ठ अधिकारी और देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सहित 13 अन्य लोगों को खो दिया है. 8 दिसंबर को हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर में यात्रा कर रहे जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 12 अन्य सैन्य अधिकारी वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में उतरने से कुछ मिनट पहले दुर्घटना का शिकार हो गए थे. इसमें सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी.