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bipin rawat( Photo Credit : File Pic)
भारतीय वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया, साथ ही उनकी पत्नी और अन्य 11 लोगों की भी मौत हो गई. यह घोषणा भारतीय वायुसेना ने की। बिपिन रावत की मौत की खबर से उनके गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में 16 मार्च 1958 को हुआ था. उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे. बिपिन रावत ने मेरठ यूनिवर्सिटी से मिलिट्री-मीडिया स्ट्रैटेजिक स्टडीज में पीएचडी भी की थी.
बिपिन रावत की मौत से उनके परिवार और गांव में भारी दुख का माहौल है. गांव वालों का कहना है कि उन्होंने अपना लाल और सच्चा देशभक्त खो दिया है. आपको बता दें कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत इंडियन आर्मी के चीफ रहते हुए 29 अप्रैल, 2018 को द्वारीखाल ब्लाॅक स्थित अपने पैतृक गांव सैंण (बिरमोली) पहुंचे थे.
इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत और परिवार के अन्य लोग भी मौजूद थे. परिजनों के अनुसार बिपिन रावत ने अपने चाचा और परिजनों के साथ गांव में कई घंटे बिताए थे. तब बिपिन रावत लैंसडौन से कार द्वारा बिरमोलीखाल बाजार होते हुए करीब एक किमी पैदल चलकर सैंण गांव पहुंचे थे. बिपिन रावत ने गांव वालों से खूब बातचीत की थी.
बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह रावत बताते हुए हैं कि जब वह गांव आए थे उन्होंने गांव को सड़क से जोड़ने की बात की थी. इसके साथ ही उन्होंने अन्य समस्याओं पर भी चर्चा की थी.
Source : News Nation Bureau