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मोदी सरकार ने की भ्रष्‍टाचार पर 'सर्जिकल स्‍ट्राइक', सीबीआईसी के 22 अधिकारियों को जबरन किया रिटायर

जबरन रिटायर किए जाने वाले सभी अधिकारी सुपरिंटेंडेंट और एओ रैंक के थे. अधिकारियों को फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत रिटायर किया गया है.

Updated on: 26 Aug 2019, 12:03 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 22 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है. जबरन रिटायर किए जाने वाले सभी अधिकारी सुपरिंटेंडेंट और एओ रैंक के थे. अधिकारियों को फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत रिटायर किया गया है. इन अधिकारियों को भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों की वजह से अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया गया है.

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधन करते हुए कहा था कि कर प्रशासन में कुछ लोग अपने शक्तियों का गलत फायदा उठा रहे हैं. इसके अलावा करदाताओं का उत्पीड़न कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि हमने हाल ही में कर अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण संख्या को अनिवार्य रूप से रिटायर करने का साहसिक कदम उठाया है. उन्होंने कहा था कि हम इस प्रकार के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे. गौरतलब है कि इस साल जून में सीबीडीटी के 12 अधिकारियों सहित 27 उच्च रैंकिंग आईआरएस अधिकारियों को मौलिक नियम 56 के तहत अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया गया था.

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जून में 12 वरिष्ठ अधिकारियों को किया गया था जबरन रिटायर
वित्त मंत्रालय ने 12 सीनियर ऑफीसर्स को दिया रिटायरमेंट. वित्त मंत्रालय ने मुख्य आयुक्त, प्रधान आयुक्त और आयकर विभाग के आयुक्त के रैंक के अधिकारियों को अनिवार्य रूप सेवानिवृत्त किया गया वित्त मंत्रालय ने ऑर्टिकिल 56 के नियम का हवाला देते हुए इन्हें सेवानिवृत्त किया गया. केंद्र सरकार ने जबरन वसूली, रिश्वत और यौन उत्पीड़न के आरोप में करीब एक दर्जन कर (टैक्स) अधिकारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है. अनिवार्य सेवानिवृत्ति की गाज करीब 12 वरिष्ठ अधिकारियों पर गिरी है जिनमें आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त, प्रधान आयुक्त और आयुक्त रैंक के अधिकारी शामिल हैं.