CBI vs CBI: आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली

जस्टिस फली नरीमन ने कहा कि आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश का कोई आधार नहीं है. अगर कोई गलत हुआ जिसकी जांच की जरूरत है तो कमेटी के पास जाना चाहिए था.

जस्टिस फली नरीमन ने कहा कि आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश का कोई आधार नहीं है. अगर कोई गलत हुआ जिसकी जांच की जरूरत है तो कमेटी के पास जाना चाहिए था.

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Deepak Kumar
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CBI vs CBI: आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली

सीबीआई बनाम सीबीआई मामले (CBI vs CBI) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को सुनवाई टल गई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी. इससे पहले सुनवाई करते हुए जस्टिस फली नरीमन ने कहा कि आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के आदेश का कोई आधार नहीं है. अगर कोई गलत हुआ जिसकी जांच की जरूरत है तो कमेटी के पास जाना चाहिए था. सरकार को इस मामले में कम से कम कमेटी के पास जाना चाहिए था. अगर किसी कारण से उनका तबादला करना था तो कमेटी की मंजूरी जरूरी है. इसके बिना सरकार का आदेश कानून में खड़ा नहीं होता. सरकार को कमेटी को बताना था.

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उन्होंने कहा, 'सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की सिफारिश प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और नेता प्रतिपक्ष करते हैं. दो साल का कार्यकाल नियम के मुताबिक है. कानून खुद कहता है कि सीबीआई निदेशक इस तरह ट्रांसफर नहीं होगा. आलोक वर्मा को कमेटी ने चुना था. उसकी मंजूरी जरूरी है. कानून में कहीं नहीं है कि इस तरह निर्वासित में भेजा जाए.'

उन्होंने नियुक्ति की प्रक्रिया बताते हुए कहा, 'CBI निदेशक को कमेटी ही नियुक्त कर सकती है, कमेटी की सिफारिश पर ही नियुक्त किया जाता है. कमेटी तय करती है. इसमे प्रधानमंत्री, cji और विपक्ष के नेता भी होते हैं. विपक्ष के नेता ना हों तो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को सदस्य बनाया जाय. ना ही कानून में निदेशक की शक्तियों को हल्का करने का प्रावधान हैं. अगर इस दौरान आसाधारण हालात में सीबीआई निदेशक का ट्रांसफर किया जाना है तो कमेटी की अनुमति लेनी होगी.'

बाद में जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि अगर सीबीआई निदेशक घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाते तो क्या होता? इस पर नरीमन ने कहा कि तो फिर उनको कोर्ट में या फिर कमेटी के सामने जाना होता. जोसेफ ने कहा, 'हम सिर्फ फिलहाल फली की कमेटी की दलीलों को सुनना चाहते हैं.'

Source : News Nation Bureau

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