CBI vs CBI: सुप्रीम कोर्ट में बोले AG वेणुगोपाल, छुट्टी पर भेजे गए हैं अालोक वर्मा, अभी भी सीबीआई निदेशक

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई मामले में कल भी सुनवाई जारी रहेगी. सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले पर सरकार निगरानी बनाये हुए है.

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई मामले में कल भी सुनवाई जारी रहेगी. सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले पर सरकार निगरानी बनाये हुए है.

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ruchika sharma
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CBI vs CBI: सुप्रीम कोर्ट में बोले AG वेणुगोपाल, छुट्टी पर भेजे गए हैं अालोक वर्मा, अभी भी सीबीआई निदेशक

सुर्पीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई मामले में कल भी सुनवाई जारी रहेगी. सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले पर सरकार निगरानी बनाये हुए है. अालोक वर्मा अभी भी सीबीआई के निदेशक है, उन्हें छुट्टियों पर भेजा गया है. वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा, 'अलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच विवाद ने काफी तूल पकड़ लिया है. भारत सरकार इस बात से हैरान थी कि सीबीआई के दो बड़े अधिकारी आपस में बिल्लियों की तरह लड़ रहे थे.'

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अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जांच ब्यूरो के निदेशक और विशेष निदेशक के बीच विवाद इस प्रतिष्ठित संस्थान की निष्ठा और सम्मान को ठेस पहुंचा रहा था. दोनों अधिकारी, आलोक कुमार वर्मा और राकेश अस्थाना एक दूसरे से लड़ रहे थे और इससे जांच ब्यूरो की स्थिति हास्यास्पद हो रही थी.

सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से सवाल पूछा कि क्या सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा अपनी लड़ाई को जनता के बीच ले जाने वाले है, इस बात का कोई सबूत है? इस पर अटर्नी जनरल ने उन्हें अखबार में छपी कटिंग सौपी. वेणुगोपाल ने कहा, 'सीबीआई में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए सरकार की तरफ से कार्रवाई जरूरी थी. स्थिति ऐसी हो गई थी कि सरकार को दखल देना पड़ा. मामले की सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद केंद्र ने फैसला लिया कि सीबीआई डायरेक्टर को छुट्टी पर भेज दिया जाए.'

सुप्रीम कोर्ट आलोक वर्मा को जांच ब्यूरो के निदेशक के अधिकारों से वंचित करने और उन्हें अवकाश पर भेजने के सरकार के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस मामले में गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज, लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य ने भी याचिका और आवेदन दायर कर रखे हैं. कोर्ट ने 29 नवंबर को कहा था कि वह पहले इस सवाल पर विचार करेगा कि क्या सरकार को किसी भी परिस्थिति में जांच ब्यूरो के निदेशक को उसके अधिकारों से वंचित करने का अधिकार है या उसे निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में कोई कार्रवाई करने से पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति के पास जाना चाहिए था. आलोक वर्मा का दो साल का कार्यकाल 31 जनवरी, 2019 को खत्म हो रहा है.

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बता दें कि पिछले महीने केंद्रीय सतर्कता आयोग की रिपोर्ट पर सीलबंद लिफाफे में दाखिल किए गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के जवाब के लीक होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए मंगलवार को मामले की सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इस मामले पर नाखुश दिखे. एक न्यूज पोर्टल पर वर्मा के जवाब के हिस्सों की खबर प्रकाशित होने के बाद सुवै को स्थगित कर दिया गया था.

गौरतलब है कि मीट कारोबारी मोईन कुरैशी के केस में उसे बचाने के लिए स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है. इससे पहले विवाद बढ़ने पर सरकार ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया था. इस फैसले का विरोध करते हुए आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे और छुट्टी पर भेजे जाने को असंवैधानिक फैसला बताया था.

Source : News Nation Bureau

cbi Alok Verma Central Vigilance Committee director
      
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