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देशभर में CBI ने 30 बैंक धोखाधड़ी मामलों में 100 जगह तलाशी ली

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को पूरे देश में 100 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें बैंक धोखाधड़ी के 30 से अधिक मामलों में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के मामले थे.

Updated on: 25 Mar 2021, 11:42 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को पूरे देश में 100 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें बैंक धोखाधड़ी के 30 से अधिक मामलों में 3,700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के मामले थे. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से प्राप्त शिकायतों पर जालसाजों को बुक करने के लिए यह खोज एक विशेष अभियान का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता बैंकों में भारतीय ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईडीबीआई, केनरा बैंक, इंडियन बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं.

अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने कानपुर, दिल्ली, गाजियाबाद, मथुरा, नोएडा, गुरुग्राम, चेन्नई, तिरुवरूर, वेल्लोर, तिरुप्पुर, बेंगलुरु, गुंटूर, हैदरबाद, बेल्लारी, वडोदरा, कोलकाता, पश्चिम गोदावरी, सूरत, मुंबई में तलाशी ली. भोपाल, निमाड़ी, तिरुपति, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, राजकोट, करनाल, जयपुर और श्रीगंगानगर. अधिकारी ने कहा कि खोजों के दौरान, विभिन्न विभेदन दस्तावेज और अन्य सामग्री/ डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं.

अधिकारी ने कहा कि एजेंसी को विभिन्न बैंकों से कई तरह की शिकायतें मिली हैं, जिसमें धोखाधड़ी, धन के मोड़, फर्जी या जाली दस्तावेजों को विभिन्न चूक फर्मों द्वारा ऋण या क्रेडिट सुविधाएं प्राप्त करते समय आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आरोप लगाया गया है कि ऐसी फर्में डिफॉल्टरों को चालू कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप ऋण नॉन-परफॉर्मिग एसेट्स (एनपीए) बन गए हैं, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को भारी नुकसान हुआ है.

अधिकारी ने कहा कि जांच के बाद, मामले सीबीआई द्वारा दर्ज किए जाते हैं और अपराधियों को नामजद करने के लिए पूरी जांच की जाती है, उन्हें कानून का सामना करने के लिए ले जाया जाता है और सार्वजनिक धन को उबारने का प्रयास किया जाता है.

बैंक धोखाधड़ी मामला: सीबीआई ने इंडियन टेक्नोमेटल कंपनी के परिसर की ली तलाशी

आपको बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि उसने 555.65 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड मामले में इंडियन टेक्नोमेटल कंपनी लिमिटेड और उसके निदेशकों राकेश कुमार शर्मा और विनय कुमार शर्मा से जुड़े परिसरों की तलाशी ली है. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी की टीमों ने कंपनी और उसके निदेशकों के परिसरों की तलाशी ली. ये परिसर हिमाचल प्रदेश में हैं और तलाशी के दौरान यहां से कई संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर टेक्नोमेटल कंपनी लिमिटेड और उसके निदेशकों और कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अन्य लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

अपनी शिकायत में बैंक ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने अपने निदेशकों के जरिए दूसरों के साथ मिलकर एक षड्यंत्र रचा और कॉर्पोरेशन बैंक (अब यूनियन बैंक), स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (अब भारतीय स्टेट बैंक), पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, करूर व्यास्या बैंक और जेएम फाइनेंशियल एआरसी के बैंकों के संघ के साथ धोखाधड़ी की. निदेशकों ने गलत बयानी, झूठे तथ्यों और दस्तावेजों को आधार बनाकर, साथ ही जरूरी सूचनाओं को छिपाकर ये धोखाधड़ी की, जिससे बैंकों के संघ को 555.65 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.