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Mehul Choksi( Photo Credit : File )
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र में चोकसी पर धारा 201 (सबूत नष्ट करना), और धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इसी के साथ 21 अन्य के खिलाफ भी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में एक नया आरोप पत्र दायर किया है. सीबीआई ने इसमें भगोड़े पर पहली बार सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है. एजेंसी की चार्जशीट में दावा किया गया है कि चोकसी ने पीएनबी के अधिकारियों की मिलीभगत से 2017 में 165 लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और 58 एफएलसी (फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट) को धोखाधड़ी से जारी किया, जिससे बैंक को ₹6,097 करोड़ ($952 मिलियन) का नुकसान हुआ.
एक पूरक आरोप पत्र में चोकसी पर धारा 201 (सबूत नष्ट करना), और धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है. भारत की निर्वासन याचिका को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम चार्जशीट को डोमिनिका में अधिकारियों और अदालत के साथ साझा किया जाएगा.
चार्जशीट में चोकसी के अलावा पीएनबी के सेवानिवृत्त डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, सिंगल विंडो ऑपरेटर हनुमंत करात, इलाहाबाद बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक उषा अनंतसुब्रमण्यम, पीएनबी के पूर्व कार्यकारी निदेशक केवी ब्रह्माजी राव, बैंक के पूर्व महाप्रबंधक नेहल अहद, चोकसी के गीतांजलि समूह के पूर्व उपाध्यक्ष विपुल चितालिया और संजीव शरण सहित 21 व्यक्तियों और कंपनियों के नाम हैं.
Source : News Nation Bureau