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कुलदीप सेंगर मामले में CBI ने तत्कालीन DM सहित 2 IPS को माना दोषी, कार्रवाई की सिफारिश

उन्नाव रेप केस (Unnao Rape Case) में तत्कालीन डीएम सहित दो आईपीएस और एक पीपीएस अधिकारियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है.

Updated on: 08 Sep 2020, 06:47 PM

नई दिल्‍ली:

CBI ने यूपी के चर्चित उन्नाव रेप केस (Unnao Rape Case) में तत्कालीन डीएम सहित दो आईपीएस और एक पीपीएस अधिकारियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. जिन लोगों के खिलाफ सीबीआई ने जिनके कार्रवाई की सिफारिश की है उनमें उन्नाव की तत्कालीन डीएम अदिति सिंह के अलावा दो पूर्व एसपी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि सिंह शामिल भी हैं. सीबीआई ने इनके अलावा वहां के तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है. सीबीआई ने इन चारों अधिकारियों को पूरे मामले में लापरवाही बरतने का दोषी पाया है जिसके बादा सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है.

इसके पहले उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में सजा पर जिरह के दौरान अपने बचाव में ख़ुद दलीलें रखीं थीं. कुलदीप सिंह सेंगर ने कहा था कि अदालत उन्हें इंसाफ दे और अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए, उनकी आंखों में तेजाब डाल दिया जाए. रेप के मामले में पहले ही उम्र कैद की सजा काट रहे सेंगर को पीड़ित लड़की की पिता की मौत के मामले में भी अदालत ने गैरइरादतन हत्या का दोषी माना था.

कोर्ट में 2 बेटियों का पिता होने की दी थी दुहाई
कोर्ट ने कुलदीप सेंगर से कहा कि अदालत उन्हें पहले ही इस मामले में दोषी करार दे चुकी है, लिहाजा इन दलीलों का कोई औचित्य नहीं रहा. रिकॉर्ड इस बात की तस्दीक करते हैं कि जब हिरासत में पीड़ित के पिता की पुलिसकर्मी पिटाई कर रहे थे तो आप लगातार पुलिस अधिकारियों के संपर्क में थे. इस पर सेंगर ने अपनी दो बेटियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी होने का हवाला देते हुए सजा में रियायत की मांग की है.

सीबीआई ने योगी सरकार को भेजी रिपोर्ट
आपको बता दें कि सीबीआई ने दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर बांगरमऊ के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जेल भेजा था. जिसके बाद सीबीआई ने यूपी सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया है कि उन्नाव रेप केस में तत्कालीन डीएम अदिति सिंह, पुष्पांजलि और एसपी नेहा पांडेय के साथ अपर पुलिस अधीक्षक रहे अष्टभुजा प्रसाद सिंह की ओर से भी लगातार लापरवाही बरती गई थी. इसे देखते हुए सीबीआई ने यूपी की योगी सरकार से इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.