CBI रिश्वतकांड : अभिषेक मनु सिंघवी ने इन 8 बातों के जरिए मोदी सरकार को घेरा

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राफेल के फोबिया से बचने के लिए मोदी सरकार ने सीबीआई डायरेक्टर को हटाया है.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
CBI रिश्वतकांड : अभिषेक मनु सिंघवी ने इन 8 बातों के जरिए मोदी सरकार को घेरा

अभिषेक मनु सिंघवी और पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

सीबीआई में विवाद को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राफेल के फोबिया से बचने के लिए मोदी सरकार ने सीबीआई डायरेक्टर को हटाया है. जिस तरह से सीबीआई डायरेक्टर अलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजा गया है वो गैर कानूनी और असंवैधानिक है.

Advertisment

-अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गैरकानूनी और न्य्या विरुद्ध तरीके से केंद्र सरकार की ओर से देश की संस्थाओं को आइसीयू (ICU) में धकेल दिया है.

-उन्होंने कहा कि सीवीसी (CVC) के पास सीबीआई डायरेक्ट की नियुक्ति या हटाने का कोई अधिकार नहीं है. सवाल यह है कि सीवीसी के पास नया पावर कहां से आ गया? सीवीसी केवल सुपरवाइजरी बॉजी है. सीवीसी को गुमराह करके इस संस्थान का भी दुरुपयोग किया जा रहा है.

-कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी खुद सीबीआई के अधिकारियों को बुलाते हैं और फौजदारी के मामलों में दखल देते हैं. जबकि मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी सीबीआई  को लेकर कई तरह की बातें करते थे. यूपीए सरकार में एफिडेविट देखा गया था तो इस्तीफा मांगा गया था.

इसे भी पढ़ें : वर्मा, अस्थाना के अधिकार वापस लिए; राव प्रभारी निदेशक; अस्थाना के खिलाफ जांच कर रही टीम बदली

-अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर को हटाने, ट्रांसफर और नियुक्ति करने का अधिकार कमिटी के पास है. हटाने के लिए सीबीआई की बैठक बुलाइए, लेकिन ऐसा करने से सरकार डरती है.

-केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नहीं मान रही है. कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई एक स्वतंत्रत संस्था है उसे बने रहना चाहिए. लेकिन केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेशों को नहीं मान रही है. सीबीआई की प्रतिष्ठा को धूल में मिलाया जा रहा है.

-उन्होंने कहा कि यह बराबरी का मामला नहीं है, एक व्यक्ति हैं जिन पर 2014 के पहले से आरोप हैं. उनकी नियुक्ति के वक्त भी आरोप लगे. ताजा आरोप के बाद डीएसपी की एक गिरफ्तारी होती है. आपकी भी गिरफ्तारी हो जाती, इसलिए आप कोर्ट गए. इसके बाद आरोपी अभियोजक पर आरोप लगाता है. अगर चोर कोतवाल पर आरोप लगा दे तो क्या कोतवाल और चोर बराबर हो जाएंगे?

-सिंघवी ने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि अपने चहेते को बचाया जाए और उसके गलत कारनामों को ढका जाए. उन्होंने कहा कि इसमें आशंका नहीं बल्कि पूरा विश्वास किया जा सकता है कि हर वक्त असंवैधानिक काम हो रहा है. एक गलती को सुधारने के लिए दो गलती की जा रही है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के साथ ही एजेंसी के 13 अन्य अधिकारियों का भी तबादला कर दिया है. इस कदम के साथ केंद्र ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वतखोरी के मामले की जांच कर रहे लगभग सभी अधिकारियों को हटा दिया है.

Source : News Nation Bureau

cbi bribe case congress Modi Government Rakesh Asthana cbi Abhishek Manu Singhvi Alok Verma
      
Advertisment